हिमाचल प्रदेश सरकार ने “निगाह” नामक एक नया कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य उन लोगों के परिवार के सदस्यों को जागरुक करना है जो देश के अन्य हिस्सों से आ रहे हैं। निगाह कार्यक्रम के तहत घरेलू संगरोध के दौरान सामाजिक दूरी बनाए रखने के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए आशा, आंगनवाड़ी और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को तैनात किया जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ता उस व्यक्ति के परिवार के सदस्यों को संवेदनशील बनाएंगे जो दूसरे राज्यों से आ रहे हैं।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत कार्यरत नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने “GARUD” पोर्टल लॉन्च किया। GARUD का पूर्ण स्वरुप Government Authorisation for Relief Using Drones है। GARUD पोर्टल COVID-19 उद्देश्यों के लिए ड्रोन संचालित करने के लिए केंद्र सरकार से छूट प्राप्त करने के लिए राज्य संस्थाओं की सहायता करेगा। यह पोर्टल महत्वपूर्ण है क्योंकि कई राज्य निकाय सार्वजनिक स्थानों को कीटाणुरहित करने के लिए ड्रोन तैनात कर रहे हैं। विशेष रूप से, स्मार्ट सिटीज सड़कों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर कीटाणुनाशक स्प्रे करने के लिए ड्रोन का उपयोग कर रहे हैं।
मुंबई स्थित पीरामल फाउंडेशन के साथ में देश के थिंक टैंक नीति आयोग ने एक अभियान ‘सुरक्षा दादा-दादी और नाना-नानी अभियान’ शुरू किया है। यह अभियान COVID-19 महामारी के दौरान वरिष्ठ नागरिकों की भलाई सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित है। यह परियोजना वर्तमान में सात राज्यों में संचालित है और उम्रदराज़ लोगों के स्वास्थ्य और जीवन शैली के बारे में जागरूकता पैदा करेगी।
रूस ने उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन को द्वितीय विश्व युद्ध स्मारक पदक से सम्मानित किया है। यह सम्मान उन्हें उत्तर कोरिया में मारे गए सोवियत सैनिकों की स्मृति को संरक्षित रखने के लिए दिया गया है। किम जोंग की तरफ से विदेशमंत्री री सोन ग्वोन ने रूसी राजदूत से 1941-1945 की जंग के 75 साल पूरे होने के मौके पर यह पदक स्वीकार किया।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान अप्रैल में 12.2 करोड़ लोग बेरोज़गार हो गए। बतौर रिपोर्ट 3 मई को समाप्त सप्ताह के दौरान देश में बेरोज़गारी की दर बढ़कर 27.11 प्रतिशत हो गई। सीएमआईई के अनुसार इस दौरान शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 29.22 प्रतिशत जबकि ग्रामीण इलाकों में यह 26.69 प्रतिशत रही। सीएमआईई के मुताबिक लॉकडाउन से दिहाड़ी मजदूरों और छोटे व्यवसायों से जुड़े लोगों को भारी झटका लगा है। इनमें फेरीवाले, सड़क के किनारे दुकाने लगाने वाले विक्रेता, निर्माण उद्योग में काम करने वाले श्रमिक और रिक्शा चलाकर पेट भरने वाले लोग शामिल हैं।
विज्ञान और इंजीनियरी अनुसंधान बोर्ड द्वारा इस योजना के तहत मंज़ूर किये गए अधिकांश अध्ययनों का उद्देश्य COVID-19 से जुड़े विभिन्न पहलुओं के संदर्भ में गणितीय मॉडल तैयार करना है। इसमें जनसंख्या की विविधता, गैर-लक्षणों वाली संक्रमित आबादी की भूमिका, प्रवास और क्वारंटीन, सोशल डिसटैंसिंग और लॉकडाउन का प्रभाव, सामाजिक-आर्थिक कारक आदि शामिल हैं। इस अध्ययन के तहत एक प्राचलिक अनुमान प्रक्रिया के माध्यम से COVID-19 के प्रसार और इनकी रोकथाम के लिए अपनाए गए प्रयासों के प्रभाव की समीक्षा की जाएगी।
झारखंड सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में श्रमिकों के लिए रोज़गार उत्पन्न करने के उद्देश्य से तीन श्रम गहन कार्यक्रमों ‘बिरसा हरित ग्राम योजना’, ‘नीलाम्बर पीताम्बर जल समृद्धि योजना’ और ‘वीर शहीद पोतो हो खेल विकास योजना’ की शुरुआत की। इन योजनाओ के माध्यम से राज्य में लौट रहे छह लाख मजदूरों को भी रोजगार उपलब्ध होगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रोजेक्ट भवन में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि इन योजनाओं की मदद से करीब 25 करोड़ मानव कार्य दिवस का इंतजाम होगा।
भारतीय नौसेना ने विदेशों से भारतीय नागरिकों को वापस लाने के राष्ट्रीय प्रयास के रूप में ऑपरेशन 'समुद्र सेतु' शुरू किया है। भारतीय नौसैनिक जहाज जलश्व एक अन्य जहाज के साथ मालदीव गणराज्य के बंदरगाह में प्रवेश कर रहे हैं। इस ऑपरेशन के पहले चरण में 8 मई 2020 से भारतीय नागरिकों का निकासी अभियान शुरू होगा। विदेशों में रह रहे भारतीय नागरिकों पर COVID-19 महामारी के प्रभाव के संबंध में भारत सरकार बारीकी से निगरानी कर रही है। भारतीय नौसेना को निर्देश दिया गया है कि विदेश में फंसे नागरिकों की समुद्र के रास्ते निकासी के लिए उपयुक्त तैयारी की जाए। पहले ट्रिप में 1000 लोगों को वहां से वापस लाने की योजना है। सभी की पहले मेडिकल स्क्रीनिंग होगी।
विश्व अस्थमा दिवस प्रत्येक वर्ष के मई महीने के पहले मंगलवार को पूरे विश्व में मनाया जाता है। विश्व अस्थमा दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य विश्वभर के लोगों को अस्थमा बीमारी के बारे में जागरूक करना है। इसे सबसे पहले 1998 में मनाया गया था, जिसका आयोजन ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा ने किया था। अस्थमा के मरीज को सांस लेने में परेशानी होती है, बहुत ही जल्द सांस फूल जाता है। खांसी आती है। वैसे यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है लेकिन हाल के वर्षों की बात की जाए तो बच्चों में यह बीमारी लगातार बढ़ती जा रही है।
आईआईटी बॉम्बे के प्रोफेसर सौरभ लोढ़ा को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा स्थापित नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी 2020 में युवा कैरियर पुरस्कार प्रदान किया गया। यंग कैरियर अवार्ड इन नैनो साइंस एंड टेक्नोलॉजी, पुरस्कार सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा स्थापित किया गया है। उन्हें इस पुरस्कार से दो आयामी वैन डेर वाल्स सामग्री के आधार पर सिलिकॉन और नैनोइलेक्ट्रोनिक उपकरणों के अतीत में तर्कसंगत ट्रांजिस्टर प्रौद्योगिकियों के विकास में उनके अहम योगदान के लिए सम्मानित किया गया है।