भारत के प्रमुख निजी ऋणदाता आईसीआईसीआई बैंक ने कोरोनोवायरस महामारी के कारण जारी राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बीच व्हाट्सएप्प पर बैंकिंग सेवाओं को शुरू करने की घोषणा की है। ग्राहकों को अपने कांटेक्ट में आईसीआईसीआई बैंक के सत्यापित व्हाट्सएप्प प्रोफाइल नंबर को सेव करना होगा। व्हाट्सएप्प बैंकिंग सेवाओं में ग्राहकों को उनके बचत खाते की शेष राशि, अंतिम लेनदेन, क्रेडिट कार्ड की सीमा की जांच करने और क्रेडिट और डेबिट कार्ड को ब्लाक/अनब्लॉक करने सहित कई बैंकिंग सेवाएं प्रदान की जाती हैं।
पर्यटन मंत्रालय ने विदेशी पर्यटकों की सहायता के लिए एक पोर्टल “Stranded in India” लॉच किया है। इस पोर्टल का उद्देश्य COVID-19 के खतरों और लॉकडाउन के बीच अपने देश से दूर अटके हुए विदेशी पर्यटकों को सूचना प्रदान करना है। पर्यटक इस पोर्टल का उपयोग भारत सरकार और विदेशी सरकार द्वारा सुरक्षित रूप से घर ले जाने के लिए किए जा रहे कदमों या उपायों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए कर सकते हैं। इस पोर्टल पर संपर्क विवरण भी है जिसके माध्यम से फंसे हुए पर्यटक पर्यटन मंत्रालय से संपर्क कर सकते हैं। पर्यटन मंत्रालय उन्हें संबंधित अधिकारियों से संपर्क करने में मदद करेगा।
भारत सरकार ने 2020-21 की पहली तिमाही के लिए विभिन्न छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कमी की है। संशोधन के अनुसार सुकन्या समृद्धि खाता योजना की ब्याज दर 8.4% के मुकाबले 7.6% तक कम की गई है। पीपीएफ में ब्याज दर को 7.1% किया गया है। पंचवर्षीय राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र की ब्याज दर 6.8% निर्धारित की गई है।
द्वितीय असाधारण G-20 वित्त मंत्रियों और केन्द्रीय बैंक गवर्नर्स की बैठक सऊदी अरब की अध्यक्षता के तहत टेली-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की गई। इस बैठक में भारत की ओर से केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने भाग लिया। इस वर्चुअल बैठक में वैश्विक अर्थव्यवस्था और बाजारों पर COVID-19 महामारी के प्रभाव पर चर्चा की गई।
विश्व बैंक ने ‘ईस्ट एशिया एंड पैसिफिक इन द टाइम ऑफ कोविद -19’ नामक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है कि पूर्वी एशिया और प्रशांत में कोरोना वायरस के कारण लगभग 11 मिलियन लोग गरीबी से प्रभावित हो सकते हैं।
इस पोर्टेबल यूवी सैनिटाइजर को स्टेनलेस स्टील के कंटेनरों एवं एल्यूमीनियम जाल का उपयोग करके बनाया गया है। अभी यह प्रूफ-आफ-कॉन्सेप्ट चरण में है और इसे यूएस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन द्वारा ‘PubMed’ पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन के आधार पर तैयार किया गया है। यह अध्ययन इस वर्ष जनवरी 2020 में प्रकाशित हुआ था, जो बताता है कि कैसे पराबैंगनी सी लाइट सार्स, कोरोनोवायरस, क्रीमियन-कांगो हेमोर्रजिक फीवर वायरस और निपाह वायरस को निष्क्रिय कर सकती है।
रिपोर्ट के अनुसार जलवायु परिवर्तन से प्रेरित हाइड्रोलॉजिकल परिवर्तन जल संसाधनों के स्थायी प्रबंधन के लिए चुनौती को ओर बढ़ा देगा, जो पहले से ही विश्व के अधिकांश क्षेत्रों में गंभीर दबाव में हैं। खाद्य सुरक्षा, मानव स्वास्थ्य, शहरी और ग्रामीण जन-जीवन, ऊर्जा उत्पादन, औद्योगिक विकास, आर्थिक विकास और पारिस्थितिक तंत्र सभी जल पर निर्भर हैं और इस दृष्टि से जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के प्रति संवेदनशील हैं। इस प्रकार जल प्रबंधन के माध्यम से जलवायु परिवर्तन अनुकूलन और न्यूनीकरण सतत विकास और सतत विकास लक्ष्य 2030 की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट भाषण के दौरान कहा था कि कुछ निश्चित श्रेणियों में बिना किसी प्रतिबंध के सरकारी बॉण्ड पूरी तरह से गैर-निवासी भारतीय निवेशकों के लिए खोले जाएंगे। भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार योग्य निवेशक किसी भी निर्दिष्ट सरकारी प्रतिभूति में निवेश कर सकते हैं। यह योजना दो मौजूदा मार्गों अर्थात मीडियम टर्म फ्रेमवर्क और वोलंटरी रिटेंशन रूट के साथ संचालित होगी। शुरुआत के रूप में केंद्रीय बैंक ने कुछ अधिक तरल और बेंचमार्क प्रतिभूतियों को चुना है।
अध्ययन के अनुसार कोरोनावायरस नमी के प्रति संवेदनशील होता है तथा नमी के मध्यम स्तर पर इसके पनपने की संभावना कम होती है। अध्ययन के अनुसार 3-9 ग्राम/घन मीटर की औसत आर्द्रता सीमा वाले क्षेत्रों, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका तथा कई यूरोपीय देश शामिल हैं, उनमें COVID -19 संक्रमण के मामलों की अधिकतम संख्या दर्ज की गई है।
कोरोना वायरस के प्रकोप के दौरान कंपनियों पर अनुपालन बोझ को कम करने और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को दिवालिया होने से रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। इस कदम से कंपनियों को मौजूदा व्यावसायिक परिस्थितियों में कंपनियों और पेशेवरों पर बोझ को कम करने तथा व्यावसायिक जरूरतों को तत्काल पूरा करने की अनुमति मिलेगी। यदि 30 अप्रैल तक कोरोना वायरस की वजह से उत्पन्न परिस्थितियों में सुधार न होने पर सरकार छह महीने के लिए कंपनियों के खिलाफ दिवालिया कार्रवाई शुरू करने पर रोक लगा सकती है।