कोरोना वायरस के संकट से निबटने के लिए देश में 21 दिनों का लॉकडाउन लागू हुआ। इस बीच दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में 'ऑपरेशन शील्ड' शुरू करने का ऐलान किया है। इस ऑपरेशन के तहत सीलिंग, होम क्वारनटीन, आइसोलेशन, जरूरी सेवाएं, लोकल सैनिटाइजेशन और डोर टू डोर सर्वे पर जोर दिया जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन और 11 अन्य विशेषज्ञों को अपने बाहरी सलाहकार समूह में शामिल किया है। यह समूह कोरोनोवायरस महामारी के कारण दुनिया के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में नीतिगत मुद्दों और प्रतिक्रियाओं पर दृष्टिकोण प्रदान करेगा। इस समूह में 12 प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं, जिनके पास नीति-निर्माण, वैश्विक बाजार और निजी क्षेत्र में विशेषज्ञता है। रघुराम राजन वर्तमान में शिकागो विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के रूप में सेवारत हैं।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने एक व्हाट्सएप नंबर जारी किया है, जहां लोग घरेलू हिंसा के मामलों की रिपोर्ट कर सकते हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग का मुख्यालय नई दिल्ली में है। राष्ट्रीय महिला आयोग की घोषणा के अनुसार कोरोनोवायरस महामारी से उत्पन्न लॉकडाउन अवधि के दौरान घरेलू हिंसा के मामलों में बड़ी वृद्धि देखी गई है।
बेंगलुरु स्थित भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ऋषिकेश के साथ साझेदारी की है और COVID-19 के लिए एक दूरस्थ निगरानी प्रणाली विकसित की है। इस नई विकसित प्रणाली ने व्यक्तिगत सुरक्षात्मक उपकरणों की आवश्यकता को कम कर दिया, क्योंकि यह COVID-19 संदिग्ध रोगी के मुख्य मापदंडों को मापने के लिए गैर-इनवेसिव सेंसर का उपयोग करता है जिसमें तापमान, नाड़ी दर और श्वसन दर शामिल हैं।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने श्री चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी (SCTIMST) को COVID -19 उपचार के लिए प्लाज्मा थेरेपी को मंजूरी दे दी है। यह केरल राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम में स्थित विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत एक राष्ट्रीय महत्व का संस्थान है।
केंद्रीय पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जी-20 असाधारण ऊर्जा मंत्रियों की आभासी बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व किया। इस बैठक को सऊदी अरब ने बुलाया था। इसकी अध्यक्षता सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुल अजीज ने की। इसमें ओपेक, आईईए और आईईएफ सहित कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख भी शामिल हुए। इस बैठक में स्थिर ऊर्जा बाजारों को सुनिश्चित करने के उपायों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
13 अप्रैल, 2020 को वीभत्स जलियांवाला बाग हत्याकांड की 101वीं वर्षगांठ है। 13 अप्रैल, 1919 को अमृतसर के जलियांवाला बाग में सैंकड़ों निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था। यह भारत के इतिहास का सबसे दुखद नरसंहार है। बता दें कि ब्रिटिश सरकार ने भारतीय क्रांतिकारियों का दमन करने के लिए रॉलेट एक्ट पारित किया था। इस अधिनियम के तहत बिना अपील, बिना दलील के लोगों को जेल में डाला जा सकता था। गांधीजी ने इस कानून के विरुद्ध अभियान शुरू किया। इस कानून के विरुद्ध देश के विभिन्न हिस्सों में लोगों ने एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन किया। इसकी दो राष्ट्रीय नेताओं सत्यपाल सिंह और सैफुद्दीन किचलू को गिरफ्तार किया गया। उनकी गिरफ्तारी के विरुद्ध लोग जलियांवाला बाग में एकत्रित हुए थे। ब्रिटिश अधिकारी जनरल डायर के आदेश पर सैनिकों ने निर्दोष लोगों पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं। ब्रिटिश सरकार के रिकॉर्ड के अनुसार इस घटना में 379 लोगों की मृत्यु हुई और हजारों लोगों घायल हुए। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मुताबिक इस घटना में लगभग 1,000 लोगों की मृत्यु हुई थी।
भारत में मातृ मृत्यु दर के चिंताजनक स्तर और ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षित प्रसव को लेकर जागरुकता की कमी के मद्देनजर हर साल 11 अप्रैल को राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया जाता है। देश में अस्पतालों में प्रसव के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि अभी बहुत कुछ किया जाना है और जागरुकता लाने के प्रयास बढ़ाने होंगे। बता दें कि कस्तूरबा गांधी की जयंती पर भारत सरकार ने 2003 में 11 अप्रैल को राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाने की घोषणा की थी। हर साल देश में यह मनाया जाता है। स्वास्थ्य से जुड़े क्षेत्रों में काम कर रही कई संस्थाओं के संगठन ‘व्हाइट रिबन अलायंस इंडिया’ (डब्ल्यूआरएआई) ने सुरक्षित मातृत्व की दिशा में जागरुकता लाने के लिए सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाने की पहल की थी।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने घोषणा की है कि उसने वित्तीय वर्ष 2019-20 में 3979 किलोमीटर राजमार्गों का निर्माण पूरा कर लिया है। यह NHAI द्वारा किसी भी वित्तीय वर्ष में हासिल किया गया अब तक का सबसे बड़ा राजमार्ग निर्माण का लक्ष्य है। हालांकि, NHAI वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए 4500 किमी के लक्ष्य को पूरा नहीं कर सका।
छात्र के अनुसार इस तकनीक का उपयोग डॉक्टरों के स्थान पर रोगियों की देखरेख करने के लिए किया जा सकता है। इससे डॉक्टरों को जोखिम से बचाया जा सकता है। यह इंटरनेट द्वारा नियंत्रित रोबोट लोगों के साथ बातचीत कर सकता है। इस रोबोट की लागत तकरीबन 5000 रुपये है। उल्लेखनीय है कि इस रोबोट को इंटरनेट से प्रत्यक्ष जोड़ा जा सकता है और इसे कहीं से भी संचालित किया जा सकता है। यह नया आविष्कार COVID-19 के विरुद्ध जंग में डॉक्टरों की सहायता करेगा।