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Lab Grown Diamonds : लैब ग्रोन डायमंड्स के लिए भी बड़ा ऐलान, जानें क्या है लैब ग्रोन डायमंड्स?

lab grown diamonds

Lab Grown Diamonds : अपने बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लैब में तैयार होने वाले हीरों (Lab Grown Diamonds) के विकास के लिए एक नई घोषणा की है। वित्त मंत्री ने घोषणा की कि लैब ग्रोन डायमंड्स के विकास में उपयोग होने वाले बीजों (Seeds) पर सीमा शुल्क कम किया जाएगा। साथ ही देश के किसी एक IIT संस्थान को इसके रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए अनुदान प्रदान किया जायेगा।

लैब ग्रोन डायमंड्स (Lab Grown Diamonds) क्या है?

लैब ग्रोन डायमंड्स को प्राकृतिक हीरों की विकास प्रक्रिया की नकल करने वाली स्पेशल टेक्नोलॉजी के माध्यम से लैब में तैयार किया जाता है। इसके निर्माण में उपयोग होने वाले सीड्स के रूप में अक्सर ग्रेफाइट का इस्तेमाल किया जाता है। ये पर्यावरण के अनुकूल हीरे होते है, जिनमें ऑप्टिकली और केमिकल रूप से प्राकृतिक हीरे के समान गुण होते हैं।

लैब ग्रोन डायमंड्स (Lab Grown Diamonds) बनाने की विधि

  • लैब में विकसित हीरे दो प्रक्रियाओं द्वारा बनाए जा सकते हैं। हाई-प्रेशर हाई टेम्परेचर (HPHT), जिसका उपयोग चीन में किया जाता है और रासायनिक वाष्प जमाव (CVD), जिसका उपयोग यूएस और भारत में किया जाता है।
  • ‘उच्च दाब और उच्च ताप’ इन्हें बनाने की सामान्य प्रक्रिया है जिसमें उच्च ताप (कम-से-कम 1500 डिग्री सेल्सियस) पर 7,30,000 PSI का दबा बनाने वाली प्रेस का इस्तेमाल होता है।
  • मोइसैनाइट (Moissanite), क्यूबिक जिरकोनिया (CZ), सफेद नीलम, वाईएजी, आदि जैसे मटेरियल “डायमंड सिमुलेंट” (diamond simulants) हैं जो केवल हीरे की तरह दीखते है उनमें हीरे की चमक और स्थायित्व की कमी होती है।

लैब ग्रोन डायमंड्स का महत्व

  • लैब ग्रोन डायमंड्स (LGD) उच्च रोजगार क्षमता वाला एक प्रौद्योगिकी-और नवाचार-संचालित उभरता हुआ क्षेत्र है।
  • सरकार इसके आयात को कम करने के उद्देश्य से इस पहल को महत्व दे रही है। साथ ही प्रयोगशाला में विकसित हीरों के स्वदेशी उत्पादन को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
  • प्राकृतिक हीरों के बाद अब लैब में निर्माण होने वाले हीरों का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। इसलिए इस उद्योग को बढ़ाने के लिए प्लेटफॉर्म तैयार करना जरूरी है।
  • एलडीजी में प्राकृतिक हीरे के समान मूल गुण होते हैं, जिसमें उनका ऑप्टिकल फैलाव भी शामिल है, जो उन्हें सिग्नेचर डायमंड शीन प्रदान करते हैं। शुद्ध सिंथेटिक हीरे में उच्च तापीय चालकता होती है, लेकिन विद्युत चालकता नगण्य होती है।

लैब ग्रोन डायमंड्स (Lab Grown Diamonds) का उपयोग

लैब ग्रोन डायमंड्स का उपयोग अक्सर औद्योगिक उद्देश्यों के लिए मशीनों और उपकरणों में किया जाता है। साथ ही उनकी कठोरता और अतिरिक्त ताकत उन्हें कटर के रूप में उपयोग करने के लिए आदर्श बनाती है। ऐसे हीरों का उपयोग उच्च-शक्ति वाले लेजर डायोड और उच्च-शक्ति वाले ट्रांजिस्टर को बनाने में किया जाता है। जैसे-जैसे पृथ्वी के प्राकृतिक हीरे के भंडार कम होते जा रहे हैं, वैसे ही धीरे-धीरे लैब ग्रोन डायमंड्स आभूषण उद्योग में बेशकीमती रत्न की जगह ले रहे हैं।

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