लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे (Lieutenant General Manoj Pandey) देश के अगले थल सेना प्रमुख होंगे। केंद्र सरकार ने नए सेनाध्यक्ष के तौर पर उनकी नियुक्ति के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। वे इसी महीने 30 अप्रैल को रिटायर हो रहे सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे की जगह 1 मई 2022 को भारतीय सेना की कमान संभालेंगे। लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे जनरल एमएम नरवणे के बाद भारतीय सेना में सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं। वे 29वें सेनाध्यक्ष होंगे। इस साल फरवरी में लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने लेफ्टिनेंट जनरल सीपी मोहंती के स्थान पर भारतीय सेना के उप-प्रमुख का पद संभाला था।
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे कोर ऑफ इंजीनियर्स से थल सेनाध्यक्ष बनने वाले पहले अधिकारी बन गए हैं। लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने भारतीय सेना में उप प्रमुख बनने से पहले पूर्वी सेना कमांडर के रूप में काम किया है। उन्होंने पूर्वी कमान का कार्यभार संभालने से पहले अंडमान एवं निकोबार कमान की कमान संभाली थी।
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे महाराष्ट्र के नागपुर से संबंध रखते हैं। उन्होंने शुरुआती स्कूल की पढ़ाई के बाद नेशनल डिफेंस एकेडमी जॉइन किया। उन्होंने NDA के बाद इंडियन मिलिट्री एकेडमी जॉइन की। लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे सेना में अपनी सेवाओं के लिए परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल इत्यादि से सम्मानित किए जा चुके हैं। वे ब्रिटेन के कैमबर्ले के स्टाफ कालेज का भी हिस्सा रहे तथा संयुक्त राष्ट्र के कई शांति मिशनों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वे अपने करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन में भी शामिल रहे हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे संयुक्त राष्ट्र के कई मिशनों में भी योगदान दे चुके हैं। उन्होंने संसद पर हमले के बाद भारत-पाकिस्तान सीमा पर आपरेशन पराक्रम में तैनाती के दौरान जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर 117 इंजीनियर रेजिमेंट का नेतृत्व भी किया था। लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे को दिसंबर 1982 में कोर ऑफ इंजीनियर्स में कमीशन दिया गया था। उन्होंने पश्चिमी थिएटर में एक इंजीनियर ब्रिगेड, लद्दाख सेक्टर में एक पर्वतीय डिवीजन, एलओसी पर पैदल सेना ब्रिगेड और उत्तर-पूर्व में एक कोर की कमान संभाली है।