HELINA Missile : भारत ने राजस्थान में पोखरण रेंज में दुनिया के सबसे उन्नत टैंक रोधी हथियारों में से एक ‘हेलिना’ गाइडेड-मिसाइल सिस्टम का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल हेलिना ने सभी मानकों को पूरा करते हुए सिमुलेटेड टैंक को ध्वस्त कर दिया।
डीआरडीओ के अनुसार इस मिसाइल को स्वदेश में विकसित एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर से लॉन्च किया गया है। इस मिसाइल को एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर (ALH) से लॉन्च किया गया था। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, परीक्षण संयुक्त रूप से डीआरडीओ, भारतीय थलसेना एवं भारतीय वायुसेना के वैज्ञानिकों की टीम द्वारा किया गया।
ये हैं HELINA Missile की खास बातें
- किसी भी परिस्थिति में यह मिसाइल दुश्मन को सबक सिखाने में कारगार है। डीआरडीओ के मुताबिक, हेलिना सिस्टम में दिन एवं रात हर मौसम में हिट करने की क्षमता है। यह पारंपरिक एवं विस्फोटक प्रतिक्रियाशील कवच के साथ दुश्मन के टैंकों को मार गिरा सकती है।
- हेलिना एक तीसरी पीढ़ी की टैंक रोधी मिसाइल प्रणाली है। हेलिना मिसाइल को ध्रुव हेलिकॉप्टर और एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर समेत अन्य लड़ाकू हेलिकॉप्टरों में तैनात किया जायेगा। यह मिसाइल दागो एवं भूल जाओ के सिंद्धात पर काम करती है।
- 45 किलो वजनी ये मिसाइल अपने साथ आठ किलो विस्फोटक लेकर हवा से जमीन पर मार करने में सक्षम है। भारतीय सेना के संस्करण को ‘हेलिना’ के नाम से जाना जाता है जबकि भारतीय वायु सेना के संस्करण को ध्रुवस्त्र कहा जाता है।
- भारत में बनी हेलिना यानी ध्रुवास्त्र मिसाइल 230 मीटर प्रति सेकेंड की स्पीड से चलती है। इस गति से आती किसी भी मिसाइल से बचने के लिए दुश्मन के टैंक को मौका नहीं मिलेगा।
- इस मिसाइल की स्पीड इतना ज्यादा है कि पलक झपकते ही दुश्मन के भारी से भारी टैंक को बर्बाद कर सकती है। ध्रुवास्त्र की रेंज 500 मीटर से लेकर 20 किलोमीटर तक है।
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