Agriculture law bills : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रकाश पर्व के मौके पर 19 नवंबर 2021 को देश को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की। पिछले एक साल से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए किसान दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम किसानों को समझा नहीं सके इसलिए इन कानूनों को वापस ले रहे हैं। सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों को लेकर लंबे समय से विरोध चल रहा है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संदेश में साफ कर दिया कि केंद्र इन तीनों कानूनों को वापस ले रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए छोटे किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए अपनी सरकार द्वारा उठाए कदमों को रेखांकित किया। कृषि कानूनों के संदर्भ में पीएम मोदी ने कहा कि बरसों से ये मांग देश के किसान, देश के कृषि विशेषज्ञ, देश के किसान संगठन लगातार कर रहे थे। पहले भी कई सरकारों ने इस पर मंथन किया था।
नए कानून के मुताबिक किसानों या उनके खरीदारों को मंडियों को कोई फीस भी नहीं देना होगी। ये बिल 17 सितंबर को लोकसभा से पास कर दिया गया था। इस कानून का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनकी फसल की निश्चित कीमत दिलवाना है। इसके तहत कोई किसान फसल उगाने से पहले ही किसी व्यापारी से समझौता कर सकता है।
कानून के अनुसार किसान को फसल की डिलिवरी के समय ही दो तिहाई राशि का भुगतान करना होगा और बाकी का पैसा 30 दिन के अंदर भगुतान करना होगा। इसमें यह प्रावधान भी है कि खेत से फसल उठाने की जिम्मेदारी व्यापारी की होगी, अगर कोई एक पक्ष समझौते को तोड़ेगा तो उस पर पेनल्टी लगाई जाएगी। ये कानून कृषि उत्पादों की बिक्री, फार्म सेवाओं, कृषि बिजनेस फर्मों, प्रोसेसर्स, थोक विक्रेताओं, बड़े खुदरा विक्रेताओं और निर्यातकों के साथ किसानों को जुड़ने के लिए सशक्त करता है।
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