तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद से करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित पोचमपल्ली गांव को संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (यूएनडब्ल्यूटीओ) ने सर्वोत्तम पर्यटन गांवों में से एक चुना है। केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी के कार्यालय की ओर से जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है। नलगोंडा जिले में पोचमपल्ली को अक्सर उत्कृष्ट साड़ियों के लिए भारत के रेशम शहर के रूप में जाना जाता है। इसे ‘इकत नामक एक अनूठी शैली के माध्यम से बुना जाता है। पोचमपल्ली इकत शैली को 2004 में जीआई (भौगोलिक संकेतक) मिला था।
दिल्ली में स्थित रक्षा अध्ययन और विश्लेषण संस्थान (आईडीएसए) का नाम पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के नाम पर रखने की घोषणा की गयी है। नवंबर 2014 से मार्च 2017 तक रक्षा मंत्री रहे पर्रिकर का कैंसर के कारण 17 मार्च 2019 को निधन हो गया। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दों का वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन प्रदान करने के लिए संस्थान की स्थापना 1965 में की गई थी और रक्षा मंत्रालय इसे निधि प्रदान करता है।
रूस ने भारत की वायु रक्षा क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए भारत को S-400 मिसाइल प्रणाली की डिलीवरी शुरू कर दी है। S-400 को दुनिया भर में सबसे उन्नत वायु रक्षा प्रणाली (air-defence system) माना जाता है। यह मिसाइलों, रॉकेटों, क्रूज मिसाइलों और विमानों के खिलाफ अपने वायु रक्षा बुलबुले की रक्षा करने में सक्षम है। S-400 एयर डिफेंस मिसाइल दुश्मन के युद्धक जहाज, ड्रोन, विमानों और बैलिस्टिक मिसाइलों को 400 किमी की दूरी पर मार सकता है।
वाराणसी में 17 नवंबर से 19 नवंबर तक एक हॉट एयर बैलून कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। अधिकतम 1 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकने वाले इन बैलून में एक बार में 30 लोग उड़ान भर सकेंगे। बैलून को उड़ाने और उतारने के लिए राजघाट के सामने डोमरी, सीएचएस खेल मैदान, बीएलडब्ल्यू खेल मैदान और सिगरा स्टेडियम को स्टेशन बनाया गया है। बैलून उड़ाने के लिए 8 पायलट काशी आ गए हैं, इनमें से 7 विदेशी हैं।
फीफा वर्ल्ड कप 2022 अब से एक साल से भी कम समय में कतर में आयोजित किया जाने वाला है। इस बड़े इवेंट के लिए क्वालीफाई करने की रेस में सभी टीम अपना पूरा जोर लगा रही हैं। नीदरलैंड ने आठ साल के अंतराल के बाद फीफा विश्व कप में जगह बनायी। विश्वभर के 200 से अधिक देशों ने हर चार साल में आयोजित किए जाने वाले इस टूर्नामेंट में जगह बनाने के लिए अपनी शुरुआत कर दी है।
संपूर्ण भारतीय अंटार्कटिक कार्यक्रम का प्रबंधन "नेशनल सेंटर फॉर पोलर एंड ओशन रिसर्च (NCPOR), गोवा" द्वारा किया जाता है। भारत ने हाल ही में अंटार्कटिका के लिए अपने 41वें वैज्ञानिक अभियान का सफलतापूर्वक शुभारंभ किया है। भारत का यह 41वां अभियान मैत्री और भारती में स्थापित लाइफ सपोर्ट सिस्टम के संचालन और रखरखाव के लिए ईंधन, भोजन के साथ-साथ विभिन्न प्रावधानों और पुर्जों की वार्षिक आपूर्ति भी करेगा। भारतीय अंटार्कटिक कार्यक्रम वर्ष, 1981 में शुरू हुए थे। अब तक भारत ने अपने 40 वैज्ञानिक अभियान सफलतापूर्वक पूरे कर लिए हैं।
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) ने अभी हाल ही में यह कहा है कि अगर दुनिया वर्ष, 2030 तक मानव गतिविधि से मीथेन उत्सर्जन में 30 प्रतिशत की कटौती हासिल कर लेती है, तो इसका ग्लोबल वार्मिंग पर उतना ही प्रभाव पड़ेगा जितना कि दुनिया की सभी कारों, ट्रकों, जहाजों और विमानों - अर्थात संपूर्ण वैश्विक परिवहन क्षेत्र - को शुद्ध शून्य उत्सर्जन (नेट जीरो एमिशन) प्रौद्योगिकियों से बदलने से पड़ सकता है। दुनिया की जलवायु चुनौती को हल करने के लिए IEA ने पूरे समय काफी सक्रिय भूमिका निभाई है।
श्रीलंका ने भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए श्रीलंकाई संसद के वरिष्ठ सदस्यों के साथ भारत-श्रीलंका संसदीय मैत्री समूह (Parliamentary Friendship Association) का गठन किया। श्रीलंका ने पहले चीनी उर्वरक की खेप को खारिज करने के बाद भारत से उर्वरक खरीदने का फैसला किया था। श्रीलंका की 9वीं संसद के लिए भारत-श्रीलंका संसदीय मैत्री संघ की स्थापना हाल ही में की गई थी।
संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा प्रमुख ने अफ्रीका के साहेल क्षेत्र (Sahel region) में संकट के बारे में चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि लाखों लोग विस्थापित हैं। उन्होंने बच्चों के लिए स्कूलों की पहुंच में कमी और लोगों को प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल की कमी के बारे में भी चेतावनी दी। वह G5 साहेल बल पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में बोल रहे थे। G5 साहेल बल को साहेल क्षेत्र में आतंकवादी खतरे से लड़ने के लिए 2017 में पांच अफ्रीकी देशों चाड, माली, बुर्किना फासो, नाइजर और मॉरिटानिया द्वारा स्थापित किया गया था।
हर साल 17 नवंबर को दुनिया भर के छात्र अंतरराष्ट्रीय छात्र दिवस मनाते हैं। अंतरराष्ट्रीय छात्र दिवस चेकोस्लोवाकिया की राजधानी 'प्राग' में नाज़ियों द्वारा मार दिये गए छात्रों की याद में मनाया जाता है। दुनिया भर की कई यूनिवर्सिटी सांस्कृतिक बहुलता और विविधता के प्रदर्शन के लिए इस मौके का इस्तेमाल करती हैं। कुछ यूनिवर्सिटी छात्रों के लिए खास गतिविधियों का आयोजन करती हैं।