भारत के नेतृत्व वाले अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (international solar alliance) में अमेरिका 101वें सदस्य देश के तौर पर 10 नवंबर 2021 को शामिल हो गया। जलवायु के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत जॉन कैरी ने आईएसए के एक रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर किये। अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के सदस्य देशों की संख्या अब 101 है।
अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत जॉन कैरी ने ग्लासगो में सीओपी26 जलवायु सम्मेलन में रूपरेखा समझौते पर औपचारिक रूप से हस्ताक्षर किये। कैरी ने कहा कि हम अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल होकर खुश हैं जिसकी स्थापना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगुवाई की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से साल 2015 में शुरू की गई यह पहल अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में अब अमेरिका भी आधिकारिक रूप से शामिल हो गया है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने 10 नवंबर 2021 को एक ट्वीट में इसकी जानकारी दी। अब इस गठबंधन में शामिल होने वाले देशों की कुल संख्या 101 हो गई है।
इस गठबंधन की शुरुआत साल 2015 में पेरिस में हुए जलवायु सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रांसिस ओलांद ने की थी। अमेरिका ने इस समय स्कॉटलैंड के ग्लास्गो में हो रहे कॉप26 जलवायु शिखर सम्मेलन में 10 नवंबर 2021 को इस गठबंधन में शामिल होने की घोषणा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि शानदार खबर। मैं राष्ट्रपति जो बाइडेन का शुक्रिया करता हूं और अमेरिका का गठबंधन में पूरे दिल से स्वागत करता हूं। इससे गठबंधन काफी मजबूत होगा।
अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के तहत विश्वभर में सौर ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ाने के लिए साल 2030 तक एक हजार बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश करने का लक्ष्य रखा गया है। इस गठबंधन के माध्यम से ऊर्जा के लिए पारंपरिक संसाधनों पर निर्भरता को कम करने के लिए आवश्यक प्रयास किए जा रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन को भारत और फ्रांस ने साझा रूप से 2015 में पेरिस में संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (कॉप21) के 21वें सम्मेलन के दौरान शुरू किया था। इसकी शुरुआत करने का उद्देश्य सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख चुनौतियों का साथ मिलकर समाधान निकालना है। इस गठबंधन में शामिल अधिकतर देश कर्क और मकर रेखा के बीच स्थित हैं।
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