India and Bhutan relations : परस्पर व्यापार संपर्क बढ़ाने के लिए भारत और भूटान में व्यापार के लिए सात अतिरिक्त प्रवेश और निकास द्वार खोले जायेंगे।
प्रमुख विशेषताएं
- यह फैसला वाणिज्य सचिव स्तर की एक बैठक में लिया गया, जो दोनों देशों के बीच व्यापार और पारगमन के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए हुई थी।
- भारतीय पक्ष का नेतृत्व वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत, वाणिज्य विभाग के सचिव BVR सुब्रह्मण्यम ने किया था, जबकि भूटानी पक्ष का नेतृत्व भूटान सरकार में आर्थिक मामलों के मंत्रालय के सचिव दाशो कर्मा शेरिंग ने किया था।
भारत और भूटान की बैठक का एजेंडा
- इस बैठक के दौरान मौजूदा व्यापार और पारगमन मुद्दों पर व्यापक चर्चा की गई।
- इस बैठक में आपसी हितों के मुद्दों और द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को मजबूत करने के उपायों पर भी चर्चा की गई।
- इन दोनों देशों के बीच व्यापार संपर्क बढ़ाने के लिए विचार-विमर्श किया गया।
- इन दोनों ही पक्षों ने आदान-प्रदान के एक पत्र के माध्यम से सात अतिरिक्त प्रवेश या निकास द्वारों/ बिंदुओं को भी औपचारिक रूप दिया।
भारत और भूटान के बीच सात प्रवेश या निकास द्वारों में निम्नलिखित शामिल हैं
- वस्तु प्रतिबंध के बिना नगरकाटा भूमि सीमा शुल्क स्टेशन।
- अगरतला भूमि सीमा शुल्क स्टेशन।
- गुवाहाटी स्टीमर घाट में पांडु बंदरगाह। यह धुबरी में सीमा पार नियंत्रण के अधीन है।
- जोगीघोपा बंदरगाह। यह बंदरगाह भी धुबरी में सीमा पार नियंत्रण के अधीन है।
- एशियाई राजमार्ग 48 जो भारत में तोर्शा चाय बागान को भूटान के अहले से जोड़ता है। यह राजमार्ग कमारद्वीसा, जयगांव और बीरपारा में भूमि सीमा शुल्क स्टेशन के अनुरूप एक अतिरिक्त मार्ग के रूप में कार्य करता है।
भारत और भूटान के बीच व्यापार
इन दोनों देशों के बीच व्यापार वर्ष, 2020-2021 में दोगुना से भी अधिक हो गया है, जबकि वर्ष, 2014-15 में यह 484 मिलियन अमेरिकी डॉलर था। वर्ष, 2020-21 में भारत और भूटान के बीच यह व्यापार 1,083 मिलियन अमरीकी डालर तक पहुंच गया।
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