Credit Rating
sovereign credit rating : भारत का सॉवरेन रेटिंग आउटलुक ‘नकारात्मक’ से ‘स्थिर’ में बदला
October 11, 2021
BEL
BEL recruitment 2021 : भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड में ट्रेनी और प्रोजेक्ट इंजीनियर की होगी भर्ती
October 11, 2021

China-Taiwan Relations : चीन-ताइवान संबंध वर्षों से तनावपूर्ण रहे हैं। इनके बीच हालिया संघर्ष तब देखने को मिला, जब चीन ने ताइवान के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की। जबकि, ताइवान के हवाई क्षेत्र को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कानूनी मान्यता प्राप्त है। उसका वायु रक्षा क्षेत्र एक स्व-घोषित क्षेत्र है, जिसकी निगरानी देश की सेना करती है।

पहले पृष्ठभूमि जानिए

  • वर्ष 1949 में हुए गृहयुद्ध के दौरान चीन और ताइवान अलग हो गए। हालांकि, इसके बावजूद चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और आवश्यकता पड़ने पर किसी भी तरह से उस पर नियंत्रण प्राप्त करने की वकालत करता है।
  • वहीं ताइवान के नेताओं का कहना है कि ताइवान एक संप्रभु राज्य है।
  • दशकों की तनावपूर्ण स्थिति के बाद 1980 के दशक में चीन और ताइवान के बीच संबंधों में सुधार की शुरुआत हुई। चीन ने ‘एक देश, दो प्रणाली’ के रूप में एक सूत्र प्रस्तुत किया, जिसके तहत ताइवान यदि चीन के साथ पुन: एकीकरण स्वीकार करता है, तो उसे स्वायत्तता दी जाएगी।
  • ताइवान ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। हालांकि, ताइवान सरकार ने चीन की यात्रा करने और वहां निवेश संबंधी नियमों में ढील दी है।
  • इस दौरान दोनों पक्षों के बीच अनौपचारिक वार्ता का दौर भी शुरू हुआ, हालांकि चीन का कहना था कि ताइवान की रिपब्लिक ऑफ चाइना (ROC) गवर्नमेंट-टू-गवर्नमेंट वार्ता को अवैध रूप से रोक रही है।
  • वर्ष 2020 में हॉन्गकॉन्ग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के कार्यान्वयन को कई लोग इस तथ्य के संकेत के रूप में भी देख रहे हैं कि चीन इस क्षेत्र में काफी अधिक मुखर रहा है।

‘वन चाइना पाॅलिसी’ के समक्ष चुनौती

  • चीन की ‘वन चाइना पाॅलिसी’ का अर्थ है कि जो देश ‘पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना’ (मेनलैंड चाइना) से कूटनीतिक संबंध स्थापित करना चाहते हैं उन्हें ‘रिपब्लिक ऑफ चाइना’ (ताइवान) के साथ अपने कूटनीतिक संबंध समाप्त करने होंगे।
  • कुछ देशों के ताइवान के साथ मौजूदा राजनयिक संबंध और विभिन्न अंतर-सरकारी संगठनों में इसकी सदस्यता चीन की नीति को चुनौती देती है।
  • रिपब्लिक ऑफ चाइना यानी ताइवान के कुल 15 देशों के साथ राजनयिक संबंध हैं और इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूरोपीय संघ के देशों, जापान एवं न्यूज़ीलैंड जैसे कई अन्य देशों के साथ भी इसके अनौपचारिक संबंध हैं।
  • इसके अलावा ताइवान के पास 38 अंतर-सरकारी संगठनों और उनके सहायक निकायों की पूर्ण सदस्यता है, जिसमें विश्व व्यापार संगठन (WTO), एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) और एशियाई विकास बैंक (ADB) शामिल हैं।

चीन को काउंटर करने वाले समझौते/अभ्यास

  • हाल ही में अमेरिका ने ऑस्ट्रेलिया, यूके और यूएस (AUKUS) के बीच इंडो-पैसिफिक के लिए एक नई त्रिपक्षीय सुरक्षा साझेदारी की घोषणा की है, जिसे चीन को काउंटर करने के प्रयास के रूप में भी देखा जा रहा है।
  • मालाबार अभ्यास (अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया) भी स्थायी इंडो-पैसिफिक गठबंधन बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिससे आर्थिक और सैन्य रूप से शक्तिशाली चीन द्वारा उत्पन्न बड़े पैमाने पर रणनीतिक असंतुलन को दूर किया जा सके।

अमेरिका द्वारा ताइवान को सामरिक और रक्षा सहायता

  • ताइवान ने अमेरिकी हथियारों की खरीद के साथ अपनी सुरक्षा में सुधार करने की मांग की है, जिसमें उन्नत एफ-16 लड़ाकू जेट, सशस्त्र ड्रोन, रॉकेट सिस्टम और हार्पून मिसाइल शामिल हैं।
  • युद्धपोत थियोडोर रूजवेल्ट के नेतृत्व में एक अमेरिकी विमान वाहक समूह ने समुद्र की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने और समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा देने वाली साझेदारी के निर्माण के लिए दक्षिण चीन सागर में प्रवेश किया है।

मुद्दे पर भारत का दृष्टिकोण

  • 1949 से भारत ने ‘वन चाइना’ नीति को स्वीकार किया है जो ताइवान और तिब्बत को चीन के हिस्से के रूप में स्वीकार करती है।
  • हालांकि भारत को एक कूटनीतिक दृष्टिकोण का उपयोग करना चाहिए अर्थात् यदि भारत ‘वन चाइना’ नीति में विश्वास करता है, तो चीन को ‘वन इंडिया’ नीति में भी विश्वास करना चाहिए।
  • भले ही भारत ने वर्ष 2010 से संयुक्त बयानों और आधिकारिक दस्तावेज़ों में वन चाइना नीति के पालन का उल्लेख करना बंद कर दिया है, लेकिन चीन के साथ संबंधों के कारण ताइवान के साथ उसका जुड़ाव अब भी प्रतिबंधित है।
  • भारत और ताइवान के बीच औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं हैं। लेकिन, वर्ष 1995 के बाद से दोनों पक्षों ने एक-दूसरे की राजधानियों में प्रतिनिधि कार्यालयों को बनाए रखा है जो वास्तविक दूतावासों के रूप में कार्य करते हैं।

यह भी पढ़ें

भारत और ब्रिटेन ने बनाई स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन अभियान (Clean Energy Transformation Campaign) की योजना

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *