RBI Monetary Policy : भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 8 अक्टूबर 2021 को मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में रेपो रेट में कोई भी बदलाव नहीं करने का फैसला लिया है। केंद्रीय बैंक ने लगातार 8वीं बार नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि आरबीआई ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। बता दें कि रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आखिरी बार 22 मई 2020 को रेपो दर में बदलाव किया था।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने पॉलिसी का एलान करते हुए कहा कि सर्वसम्मति से ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने का फैसला किया गया है। वहीं, कमेटी में 5-1 के फैसले से पॉलिसी के रुख ‘अकोमोडेटिव’ रखा गया है। आरबीआई गवर्नर ने बताया कि इकोनॉमिक एक्टिविटी में उम्मीद से अच्छा सुधार हुआ है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने FY22 में जीडीपी ग्रोथ के अनुमान में कोई बदलाव नहीं किया है। यह 9.5 प्रतिशत पर बरकार रहेगी। आरबीआई ने जुलाई-सितंबर 2021 के लिए 7.9 प्रतिशत, अक्टूबर-दिसंबर 2021 के लिए 6.8 प्रतिशत और जनवरी-मार्च 2022 के लिए 6.1 प्रतिशत किया है। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में रीयल जीडीपी ग्रोथ 17.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।
रेपो रेट वह दर है, जिस पर आरबीआई बैंकों को लोन देता है। आरबीआई ने रेपो रेट 4 फीसदी (Repo Rate) पर बरकरार है।
यह वह दर होती है जिसपर बैंकों को उनकी ओर से आरबीआई में जमा धन पर ब्याज मिलता है। रिवर्स रेपो रेट बाजारों में नकदी की तरलता को नियंत्रित करने में काम आती है। रिवर्स रेपो रेट को भी 3.35 प्रतिशत पर ही रखा गया है।
आरबीआई ने पहली बार वित्त वर्ष 2011-12 में सालाना मॉनेटरी पॉलिसी रिव्यू में एमएसएफ का जिक्र किया था। एमएसएफ में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
बैंक रेट वह दर है जिस पर आरबीआई व्यापारिक बैंको को प्रथम श्रेणी की प्रतिभूतियों पर कर्ज प्रदान करता है। बैंक रेट में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है और यह पहले की तरह ही 4.25 फीसदी है।
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