Tiger Reserve : राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने 5 अक्टूबर, 2021 को छत्तीसगढ़ सरकार के गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य के संयुक्त क्षेत्रों को एक नए टाइगर रिजर्व के तौर पर घोषित करने के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है।
छत्तीसगढ़ में बना यह नया टाइगर रिजर्व झारखंड और मध्य प्रदेश की सीमा से लगे राज्य के उत्तरी भाग में स्थित है। अचानकमार, उदंती-सीतानदी और इंद्रावती रिजर्व के बाद छत्तीसगढ़ में यह चौथा टाइगर रिजर्व होगा।
छत्तीसगढ़ सरकार के प्रस्ताव पर NTCA की 11वीं तकनीकी समिति ने 1 सितंबर को विचार किया था। एक महीने बाद वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 38V (1) के तहत इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
वर्ष 2011 में छत्तीसगढ़ में तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य की पहचान सरगुजा जशपुर हाथी रिजर्व के एक हिस्से के रूप में की गई थी। राज्य में स्थित गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान पहले अविभाजित मध्य प्रदेश में संजय राष्ट्रीय उद्यान का एक हिस्सा था।
इन दोनों क्षेत्रों को आरक्षित वनों के रूप में पहचाना गया था और वर्ष 2011 से ही ये दोनों क्षेत्र टाइगर रिजर्व के रूप में घोषित होने के लिए कतार में थे। हालांकि, इस नवीनतम अनुमोदन के साथ गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला अभयारण्य के संयुक्त क्षेत्रों को टाइगर रिजर्व घोषित किया गया है।
छत्तीसगढ़ में नए टाइगर रिजर्व के ये दोनों क्षेत्र गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य क्रमशः 1,44,000 हेक्टेयर और 60,850 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले हुए हैं। गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान कोरिया जिले में स्थित है, जबकि तमोर पिंगला छत्तीसगढ़ के उत्तर-पश्चिमी कोने में सूरजपुर जिले में स्थित है।
भारत में गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान एशियाई चीते का अंतिम ज्ञात निवास स्थान था और मूल रूप से संजय दुबरी राष्ट्रीय उद्यान का हिस्सा था। वर्ष 2001 में छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद इसे छत्तीसगढ़ के सरगुजा क्षेत्र में एक अलग इकाई के रूप में बनाया गया था।
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