आइसलैंड (Iceland) ने महिलाओं के बहुमत वाली यूरोप की पहली संसद को चुना है। यह उत्तरी अटलांटिक के द्वीपीय राष्ट्र में लैंगिक समानता के लिए मील का पत्थर है। महिला उम्मीदवारों ने मतगणना संपन्न होने पर आइसलैंड की 63 सदस्यीय संसद अल्थिंग में 33 सीटों पर सफलता हासिल की।
प्रधानमंत्री कैटरीन जेकब्सडाटिर के नेतृत्व वाली निवर्तमान गठबंधन सरकार के तीनों दलों ने मतदान में कुल 37 सीटें जीतीं। गठबंधन को पिछले चुनाव की तुलना में दो सीटें अधिक मिली हैं और सत्ता में बरकरार रहने की संभावना नजर आ रही है। चुनाव में इन नतीजों को उत्तरी अटलांटिक के द्वीपीय राष्ट्र में लैंगिक समानता के लिए मील का पत्थर माना जा रहा है।
आइसलैंड (Iceland) की गठबंधन सरकार ने 25 सितंबर को हुए चुनाव के बाद देश की 63 सीटों वाली संसद में अपना बहुमत 35 से बढ़ाकर 37 कर लिया है।
रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव के नतीजों ने भविष्य के कैबिनेट गठबंधन को खुला छोड़ दिया क्योंकि गठबंधन दलों की सफलता अभी भी अनिश्चित बनी हुई है। संसद में कुल मिलाकर आठ दलों का प्रतिनिधित्व किया गया।
पहली बार आइसलैंड (Iceland) की संसद में पुरुष सांसदों (30) की तुलना में अधिक महिला सांसद (33) होंगी। प्रधानमंत्री कैटरीन जेकब्सडाटिर ने 26 सितंबर 2021 को कहा कि सरकार बनाने के लिए बातचीत जटिल होगी।
गठबंधन के तीनों दलों के नेताओं ने चुनाव से पहले कहा था कि अगर सरकार बनी तो सरकार के निरंतर सहयोग पर चर्चा करने का यह पहला विकल्प होगा। पूरे देश में मतदाताओं का मतदान 80.1 प्रतिशत था, जो साल 2017 में पिछले चुनाव की तुलना में थोड़ा कम है।
जनमत सर्वेक्षण में वामपंथी दलों की जीत का संकेत दिया गया था। इसमें 10 पार्टियों के बीच सीटों के लिए प्रतिस्पर्धा थी। लेकिन, मध्य दक्षिणपंथी ‘इंडिपेंडेंस पार्टी’ को सबसे ज्यादा मत मिले और उसने 16 सीटें जीती। इन 16 सीटों में सात पर महिलाओं की जीत हुई। मध्यमार्गी ‘प्रोग्रेसिव पार्टी’ ने सबसे बड़ी बढ़त हासिल की और 13 सीटें जीतने में कामयाब रही। पिछली बार की तुलना में प्रोग्रेसिव पार्टी को पांच अधिक सीटों पर जीत मिली थी।
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