Germany Election Results 2021 : जर्मनी के सेंट्रल-लेफ्ट सोशल डेमोक्रेट्स (एसपीडी) ने निवर्तमान चांसलर एंजेला मर्केल की पार्टी को हराकर देश के संघीय चुनाव में मामूली अंतर से जीत हासिल की है। जर्मनी में हुए नई संसद के लिए हुए मतदान के आए अनुमानित परिणामों में सोशल डेमोक्रेटिक सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है।
चुनाव परिणामों के मुताबिक एंजेला मर्केल की पार्टी 2005 के बाद पहली बार सरकार का नेतृत्व करने की स्थिति में नहीं हैं। परिणामों के साथ एंजेला मर्केल की 16 साल के रूढ़िवादी नेतृत्व वाला शासन समाप्त होने की कगार पर है। परिणामों में सेंटर-लेफ्ट सोशल डेमोक्रेटिक (एसपीडी) 25.5 प्रतिशत वोट के साथ सबसे आगे हैं। इसके बाद एंजेला मर्केल के सीडीयू/सीएसयू कंजरवेटिव गठबंधन को 24.5 प्रतिशत वोट मिले हैं।
किसी भी राजनीतिक दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने जा रहा है। माना जा रहा है कि एक नई सरकार के सत्ता में आने के लिए गठबंधन को लेकर बातचीत होगी। इसमें ग्रीन्स और लिबरल फ्री डेमोक्रेटिक (एफडीपी) के शामिल होने की संभावना है।
बीते 16 सालों से एंजेला मर्केल जर्मनी में सत्ता के शीर्ष पर काबिज हैं। वे चार बार चांसलर चुनी गईं। उन्होंने साल 2018 में घोषणा की थी कि वे पांचवीं बार इस पद के लिए मैदान में नहीं उतरेंगी। इस चुनाव में एंजेला मर्केल की पार्टी क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (सीडीयू) की तरफ से आर्मिन लाशेत मैदान में हैं। वहीं, एंजेला मर्केल सरकार के वित्त मंत्री व वाइस-चांसलर सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता ओलाफ शोल्ज मुख्य विपक्षी के तौर पर मैदान में हैं।
एंजेला मर्केल के शासन में जर्मनी यूरोप का सबसे तेज आर्थिक प्रगति करने वाला देश बना है। जर्मनी को इसीलिए यूरोप का ग्रोथ इंजन कहा जाता है। ऐसे में माना जा रहा है कि जर्मनी में एक बार फिर गठबंधन सरकार देखने को मिलेगी। सोशल डेमोक्रेट्स और कंजरवेटिव पार्टी दोनों ही गठबंधन कर सत्ता पाने की कोशिश में जुट गए हैं। हालांकि नई सरकार के गठन में समय लग सकता है।
पर्यावरणविदों की ग्रीन पार्टी 14.8 प्रतिशत वोट के साथ तीसरी बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। इसके बाद कारोबार सुगमता की पक्षधर फ्री डेमोक्रेट्स को 11.5 प्रतिशत वोट मिले हैं। दोनों दल पहले ही इस बात के संकेत दे चुके हैं कि वे नई सरकार के गठन में सहयोग कर सकते हैं।
एंजेला मर्केल ने चांसलर के तौर पर यूरोपीय संघ की एकता बनाए रखने की भरपूर कोशिश की है। साल 2008 की आर्थिक मंदी, ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने यानी ब्रेग्जिट, ग्रीस का आर्थिक संकट और पिछले डेढ़ साल से छाए कोरोना संकट के दौरान मर्केल पूरे यूरोप का नेतृत्व करते हुए दिखी हैं।