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क्‍या है संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA), कैसे करती है काम, अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर क्‍या है इसकी अहमियत

UNGA

संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly)

संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) यानी UNGA संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के मुख्य छह अंगों में से एक है। यह अंतरराष्‍ट्रीय राजनीति का सबसे बड़ा मंच है। यहीं से अंतरराष्‍ट्रीय सियासत का एजेंडा तय होता है। आइये जानते हैं संयुक्त राष्ट्र महासभा की शक्तियों एवं इसकी अहमियत के बारे में…

दुनिया की लघु संसद है UNGA

UNGA (United Nations General Assembly) को दुनिया की लघु संसद कहा जाता है। हर साल इसका अधिवेशन सितंबर महीने में होता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा का सत्र वैश्विक स्तर पर काफी महत्वपूर्ण होता है। विभिन्न देश इन अधिवेशनों में अपनी अपनी राय रखते हैं। यह संयुक्त राष्ट्र की एकमात्र ऐसी अंग है जहां सभी सदस्य देशों को समान प्रतिनिधित्व मिला है। इसका पहला अधिवेशन 10 जनवरी 1946 को लंदन के मेथोडिस्ट सेंट्रल हॉल में आयोजित हुआ था, तब इसमें 51 सदस्य देश थे। आज सदस्‍य देशों की संख्‍या बढ़कर 193 हो चुकी है।

ऐसे तय होता है एजेंडा

संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से ही अंतरराष्‍ट्रीय सियासत का एजेंडा तय होता है। इसकी संरचना, कार्य, शक्तियां, मतदान और प्रक्रियाएं संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय चार में निर्धारित की गई हैं। नियमों के मुताबिक, इसके अधिवेशन के हर सत्र के लिए करीब सात महीने पहले से ही एजेंडा तय कर लिया जाता है। इसके कुल सदस्य देशों में विकासशील देशों की संख्‍या करीब दो तिहाई है। अक्‍सर देखा जाता है कि संख्‍या बल की वजह से विकासशील देश यूएनजीए के अधिवेशनों का एजेंडा तय करने में सफल हो जाते हैं।

प्रस्ताव के लिए दो तिहाई बहुमत जरूरी

संयुक्त राष्ट्र महासभा के अधिवेशनों में सदस्य देशों के प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री या राष्ट्रपति हिस्सा लेते हैं। अधिवेशनों में अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा होती है। इसी के आधार पर प्रस्ताव रखे जाते हैं। किसी प्रस्ताव को पास कराने के लिए दो तिहाई बहुमत की आवश्‍यकता होती है। हर सदस्‍य देश को एक मत देने का अधिकार होता है। हालांकि, महासभा द्वारा पारित प्रस्ताव (बजटीय उपायों के अलावा) सदस्य राष्ट्रों पर बाध्यकारी नहीं हैं। अधिवेशनों में सदस्‍य देशों को खुलकर अ‍पनी बात निश्चित समय में रखने की छूट होती है। प्रतिनिधियों को अपनी बात को लिख‍ित दस्‍तावेज के तौर पर भी देना होता है।

बजट समेत इन मसलों पर लेती है निर्णय

संयुक्त राष्ट्र महासभा के पास संयुक्‍त राष्‍ट्र के बजट सहित कुछ अन्य क्षेत्रों में अंतिम फैसला करने का अधिकार भी होता है। महासभा में यह भी तय होता है कि संस्था के कार्यों के लिए किस सदस्य देश को कितनी राशि देनी है। बता दें कि संयुक्त राष्ट्र के बजट का इस्‍तेमाल जनसूचना और मानवाधिकार जैसे क्षेत्रों के अलावा विश्‍व संस्‍था के दूसरे कार्यक्रमों में किया जाता है। यही नहीं यह बजट इंटरनेशनल जस्टिस एंड लॉ और डेवलेपमेंट के ग्लोबल सहयोग में इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा महासभा शांति और सुरक्षा के मामलों को छोड़कर, संयुक्त राष्ट्र के दायरे में किसी भी दूसरे मामले पर सिफारिशें कर सकती है।

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