17 सितंबर, 2021 को पर्यावरण पुरस्कार (Environment Prize/Earthshot Prize) के लिए दो भारतीय परियोजनाओं का चयन किया गया है।
चयनित परियोजनाओं में से एक है- सौर ऊर्जा से चलने वाली आयरनिंग कार्ट परियोजना (Solar-Powered Ironing Cart Project) जिसे तमिलनाडु की एक 14 वर्षीय छात्रा द्वारा डिजाइन किया गया है।
दूसरी परियोजना है- दिल्ली के एक उद्यमी द्वारा विकसित कृषि अपशिष्ट पुनर्चक्रण अवधारणा (Agricultural Waste Recycling Concept)।
पर्यावरण पुरस्कार के लिए दुनिया भर से सैकड़ों नामांकन में से कुल 15 फाइनलिस्ट चुने गए हैं।
पहला पर्यावरण पुरस्कार, जिसे अर्थशॉट पुरस्कार कहा जाता है, 2020 में ब्रिटेन के प्रिंस विलियम (ड्यूक ऑफ कैम्ब्रिज) और डेविड एटनबरो द्वारा लॉन्च किया गया था। यह पुरस्कार 2021 से 2030 तक हर साल पांच विजेताओं को दिया जाता है। विजेताओं को उनके समाधान के लिए चुना जाता है या जो पर्यावरण की काफी मदद करते हैं। यह रॉयल फाउंडेशन, इंग्लैंड द्वारा दिया जाता है। संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों के समर्थन से पांच अलग-अलग श्रेणियों में पुरस्कार दिया जाता है। विजेताओं का चयन अर्थशॉट पुरस्कार परिषद द्वारा किया जाता है जो छह महाद्वीपों में फैली एक वैश्विक टीम है।
इस परियोजना को विनीशा उमाशंकर (Vinisha Umashankar) द्वारा विकसित किया गया है। उन्होंने ‘क्लीन अवर एयर’ कैटेगरी में जगह बनाई।
इस परियोजना को ताकाचर द्वारा विकसित किया गया है और विद्युत मोहन द्वारा सह-स्थापित किया गया है। इसे इसकी सस्ती, छोटे पैमाने की, पोर्टेबल तकनीक के लिए “क्लीन अवर एयर कैटेगरी” में नामांकित किया गया है। यह परियोजना फसल अवशेषों को बिक्री योग्य जैव उत्पादों में परिवर्तित करती है।
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