हाल ही में अमेरिका ने ऑस्ट्रेलिया, यूके और यूएस (AUKUS Grouping) के बीच इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए एक नई त्रिपक्षीय सुरक्षा साझेदारी की घोषणा की है। इस व्यवस्था का मुख्य आकर्षण अमेरिका द्वारा ऑस्ट्रेलिया को परमाणु पनडुब्बी प्रौद्योगिकी साझा करना है।
प्रमुख बिंदु
- इंडो-पैसिफिक पर ध्यान केंद्रित करना: सुरक्षा समूह AUKUS हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक हितों को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
- हालांकि अमेरिका ने इस बात से स्पष्ट रूप से इनकार किया है कि समूह को चीन के खिलाफ लक्षित किया गया है, लेकिन इसका इंडो-पैसिफिक ओरिएंटेशन का उद्देश्य दक्षिण चीन सागर में चीन की मुखर कार्रवाइयों के खिलाफ गठबंधन करना है।
- कनाडा और न्यूज़ीलैंड के साथ तीन देश पहले से ही ‘फाइव आईज़’ गठबंधन के माध्यम से व्यापक खुफिया जानकारी साझा करते हैं।
- ऑस्ट्रेलिया को परमाणु पनडुब्बियों का हस्तांतरण: ऑस्ट्रेलिया इस पहल के तहत यूके और यूएस की मदद से परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियों का अधिग्रहण करेगा।
- यह कदम महत्त्वपूर्ण है क्योंकि अमेरिका ने पहले केवल एक बार परमाणु पनडुब्बी तकनीक साझा की है और इसकी शुरुआत वर्ष 1958 में ग्रेट ब्रिटेन के साथ हुई थी।
- परमाणु पनडुब्बियां जो अपने पारंपरिक समकक्षों की तुलना में शांत हैं, लेकिन लंबी अवधि की तैनाती हेतु सक्षम हैं।
- अधिक परमाणु संचालित पनडुब्बियों को प्राप्त करने के भारत के घोषित लक्ष्य के साथ यह क्वाड की समुद्र के नीचे और पनडुब्बी-रोधी युद्ध क्षमताओं में एक कदम और आगे बढ़ने की दिशा में प्रयास होगा।
- क्वाड भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान का समूह है।
- ऑस्ट्रेलिया अब केवल छह देशों- भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांँस, रूस और चीन के समूह में शामिल होने के लिए तैयार है – जो परमाणु पनडुब्बियों का संचालन करते हैं। यह असैन्य परमाणु ऊर्जा उद्योग (Civilian Nuclear Power Industry ) के बिना ऐसी पनडुब्बियांँ रखने वाला यह एकमात्र देश होगा।
बहु-क्षेत्रीय सहयोग
AUKUS में तीन देशों के मध्य बैठकों और आपसी जुड़ाव की एक नई व्यवस्था के साथ-साथ उभरती प्रौद्योगिकियों (एप्लाईड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम प्रौद्योगिकियों और पानी के नीचे की क्षमताओं) में सहयोग करना भी शामिल होगा।
फाइव आईज़ अलायंस
- फाइव आईज़ अलायंस पांँच अंग्रेज़ी भाषी लोकतंत्रों (अमेरिका, यूके, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड) के मध्य एक खुफिया-साझाकरण व्यवस्था है।
- यह गठबंधन शीत युद्ध (1946-1991) के दौरान हुआ जो संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ के साथ-साथ उनके संबंधित सहयोगियों के बीच लड़ा गया था।
- इस युद्ध के दौरान सभी संभावित मोर्चों पर अपने विरोधियों के बारे में संवेदनशील जानकारी साझा करने के लिये अलायंस की आवश्यकता महसूस की गई थी।
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