हाल ही में ‘नीति आयोग’ के ‘अटल इनोवेशन मिशन’ ने ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन’ (इसरो) और ‘केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड’ के सहयोग से ‘एटीएल स्पेस चैलेंज 2021’ (ATL Space Challenge 2021) लॉन्च किया है।
आपको बता दें कि इससे पहले जून 2020 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने निजी क्षेत्र की भागीदारी के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलने का फैसला किया था। साथ ही निजी कंपनियों को भारत की अंतरिक्ष अवसंरचना का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक नई इकाई- ‘भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्द्धन और प्राधिकरण केंद्र’ (IN-SPACe) के निर्माण को मंज़ूरी दी थी।
इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों को एक स्वतंत्र मंच प्रदान किया जा सके, जहां वे डिजिटल युग से संबंधित अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी समस्याओं को हल करने के लिए स्वयं को नवाचार के लिए सक्षम कर सकें। एटीएल (अटल टिंकरिंग लैब्स) और गैर-एटीएल दोनों स्कूलों के छात्र अपनी प्रविष्टियां जमा कर सकते हैं। इसके तहत स्कूल के शिक्षक, एटीएल प्रभारी और संरक्षक, छात्र टीमों का समर्थन करेंगे। ‘अटल टिंकरिंग लैब्स’ पहल के तहत छात्रों को अपने विचारों को आकार देने और प्रयोगशालाओं में अभिनव प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए विशिष्ट प्रयोगशालाओं की स्थापना हेतु स्कूलों को अनुदान दिया जाता है। यह विश्व अंतरिक्ष सप्ताह 2021 के साथ संरेखित है, जो अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के योगदान के महत्त्व को रेखांकित करने हेतु प्रतिवर्ष 4-10 अक्तूबर तक मनाया जाता है। यह ऐसे समय में शुरू किया गया है जब ‘ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स’ (विश्व बौद्धिक संपदा संगठन द्वारा जारी) रैंकिंग में भारत के स्थान में बढ़ोतरी हेतु सरकार द्वारा कई प्रयास किये जा रहे हैं।
‘अटल इनोवेशन मिशन’ देश में नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की प्रमुख पहल है। इसका उद्देश्य अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए नए कार्यक्रमों और नीतियों को विकसित करना, विभिन्न हितधारकों हेतु एक मंच और सहयोग के अवसर प्रदान करना, जागरूकता पैदा करना तथा देश के नवाचार
पारिस्थितिकी तंत्र की निगरानी के लिए एक अम्ब्रेला संरचना का निर्माण करना है।