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SSG – 2021 : अब गांवों को भी मिलेगी स्वच्छता की रैंकिंग

swachh survekshan 2021

देश के 17475 गांवों का स्वच्छता की रैंकिंग के लिए होगा सर्वे

केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस) ने स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण चरण दो के तहत स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण (SSG)- 2021 लॉन्च किया। खुले में शौच से मुक्ति के बाद ओडीएफ प्लस गांव बनाने की दिशा में आने वाले व्यवधानों को दूर करने और मिशन के कार्यक्रमों में तेजी लाना इस सर्वेक्षण का मुख्य लक्ष्य है।

फीडबैक के लिए मोबाइल ऐप लॉन्च

केंद्रीय जलशक्ति राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 लॉन्च करने के साथ ही हिंदी-अंग्रेजी सहित तमाम क्षेत्रीय भाषाओं में फीडबैक के लिए मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया। सर्वेक्षण में फील्ड सर्वे 25 अक्तूबर से 23 दिसंबर तक चलेगा।

ऐसे तय होगी गांव की स्वच्छता की रैकिंग

एसएसजी-2021 की रैंकिंग में आपके गांव में जलभराव की स्थिति, ठोस और तरल कचरे सहित प्लास्टिक कचरे का प्रबंधन सबसे अधिक फर्क डालेगा। समूह बैठकों, 17,475 गांवों के करीब 1.75 लाख परिवारों से और मोबाइल एप पर मिलने वाला फीडबैक गांव की स्वच्छता की रैकिंग तय करेगा।

87 हजार से अधिक सार्वजनिक स्थानों का टीमें करेंगी निरीक्षण

सर्वेक्षण में गांव, जिला और राज्यों को कुछ निर्धारित मानकों का प्रयोग करके रैंकिंग दी जाएगी। इस सर्वेक्षण के तहत देशभर के 698 जिलों के 17,475 गांवों को कवर किया जाएगा। इन 17,450 गांवों, जिला और फिर राज्य की रैंकिंग के सर्वेक्षण के लिए 87,250 सार्वजनिक स्थानों (स्कूल, आंगनवाड़ी, सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र, हाट/बाजार/धार्मिक स्थल) का दौरा किया जाएगा।

2020 में यह सर्वेक्षण नहीं कराया गया

कोरोना महामारी के बीच वर्ष 2020 में यह सर्वेक्षण नहीं कराया गया। यह सर्वेक्षण केवल रैंकिंग देने की प्रक्रिया तय करने तक सीमित नहीं है, बल्कि स्वच्छता की आदत को एक जनांदोलन बनाने का कार्यक्रम है।

1000 अंकों का होगा सर्वे

  • सार्वजनिक स्थानों की स्वच्छता का प्रत्यक्ष निरीक्षण 30 फीसदी
  • आम नागरिकों, ग्राम स्तर पर प्रमुख प्रभावशाली लोगों और जनप्रतिक्रिया सहित लोगों की ऑनलाइन प्रतिक्रिया 35 फीसदी
  • स्वच्छता संबंधी मापदंडों को लेकर सेवा स्तर की प्रगति 35 फीसदी

एसएसजी 2019 में ये बिंदु उभरे थे

  • 72 फीसदी सार्वजनिक स्थलों पर शौचालय की सुविधा थी।
  • 88.7 फीसदी सार्वजनिक स्थल प्लास्टिक कूड़े से मुक्त थे।
  • स्वच्छता रैकिंग के पहले पायदान पर तमिलनाडु, दूसरे नंबर पर हरियाणा और तीसरे स्थान पर गुजरात आया था। छोटे राज्यों की रैंकिंग में मिजोरम अव्वल रहा था।
  • जिला रैंकिंग में पहले नंबर पर तेलंगाना का पेड्डापल्ली, दूसरे नंबर पर फरीदाबाद और तीसरे नंबर पर रेवाड़ी था।

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