आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (Cabinet Committee on Economic Affairs – CCEA)) ने 8 सितंबर, 2021 को सभी अनिवार्य रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Prices – MSP) में वृद्धि को मंजूरी दी।
रबी मार्केटिंग सीजन (RMS) 2022-23 के लिए दालों, तिलहनों और मोटे अनाज के पक्ष में MSP को बढ़ाया गया है।
MSP में उच्चतम पूर्ण वृद्धि की सिफारिश की गई है। मसूर, रेपसीड और सरसों के MSP में 400 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। चने पर इसमें 130 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई।
RMS 2022-23 के लिए रबी फसलों के MSP को केंद्रीय बजट 2018-19 की घोषणा के अनुरूप बढ़ाया गया था। बजट में MSP को उत्पादन की अखिल भारतीय भारित औसत लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर तय करने की घोषणा की गई थी।
सरकार ने हाल ही में खाद्य तेलों के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने और आयात निर्भरता को कम करने में मदद करने के लिए इस केंद्र प्रायोजित की घोषणा की। इसकी घोषणा कुल 11,040 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ की गई थी। यह योजना किसानों को क्षेत्र के विस्तार और उत्पादकता में सहायता करेगी और उनकी आय और अतिरिक्त रोजगार सृजन में वृद्धि करके उन्हें लाभान्वित करेगी।
किसानों को उनकी उपज के लिए पारिश्रमिक रिटर्न प्रदान करने में सहायता करने के लिए 2018 में इस योजना की घोषणा की गई थी। इसकी तीन उप-योजनाएं हैं, मूल्य समर्थन योजना, निजी खरीद और स्टॉकिस्ट योजना और मूल्य कमी भुगतान योजना।