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राजस्थान में इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड का उद्घाटन

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने राजस्थान के बाड़मेर के गंधव-बाखासर खंड में नेशनल हाईवे-925 पर बने ‘इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड (ELF)’ (Emergency Landing Field inaugurated) का 9 सितंबर 2021 को उद्घाटन किया। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान से सटी सीमा पर अपना शक्ति प्रदर्शन किया और हाईवे पर लड़ाकू विमानों की लैंडिंग की।

पाकिस्तान सीमा से केवल 40 किलोमीटर दूरी पर भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के सुखोई और जगुआर जैसे लड़ाकू विमानों ने अपना दम दिखाया। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भारतीय वायुसेना के स्पेशल विमान से यहां पहुंचे थे, जिसकी लैंडिंग इसी एयर स्ट्रिप पर की गई थी।

भारत का पहला राष्ट्रीय राजमार्ग

एनएच-925 भारत का पहला राष्ट्रीय राजमार्ग है, जिसका इस्तेमाल वायुसेना के विमानों को आपात स्थिति में उतारने के लिए किया जाएगा। भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बाड़मेर-जालोर की सीमा पर देश की पहली इमरजेंसी एयर स्ट्रिप तैयार की गई है।

आपातकालीन पट्टी का निर्माण

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने भारतीय वायु सेना के लिए आपातकालीन स्थिति में विमान उतारने के लिए एनएच-925ए के सट्टा-गंधव खंड के तीन किलोमीटर के हिस्से पर इस आपातकालीन पट्टी का निर्माण किया है। ईएलएफ (ELF) को निर्माण 19 महीने के अंदर पूरा किया गया है। इसका निर्माण कार्य जुलाई 2019 में शुरू किया गया था और जनवरी 2021 में यह तैयार हो गया था। भारतीय वायुसेना (आईएएफ) और एनएचएआई की देखरेख में ‘जीएचवी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ ने इसका निर्माण किया है।

तीन हेलीपैड का निर्माण

इस परियोजना में आपातकालीन लैंडिंग पट्टी के अलावा कुंदनपुरा, सिंघानिया और बाखासर गांवों में भारतीय वायु सेना/भारतीय सेना की आवश्यकताओं के अनुसार तीन हेलीपैड का निर्माण किया गया है, जो पश्चिमी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारतीय सेना और सुरक्षा नेटवर्क के सुदृढ़ीकरण का आधार होगा।

इन जगहों पर भी सुखोई लैंड कर चुका है

इससे पहले उत्तर प्रदेश के आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर भी सुखोई लैंड कर चुका है। बाड़मेर में 9 सितंबर को हुई इस शुभ शुरुआत से पहले 8 सितंबर को 3 घंटे लैंडिंग की प्रैक्टिस की गई थी।

सुखोई लड़ाकू विमान ने फ्लाइपास किया

रनवे पर सुखोई लड़ाकू विमान ने फ्लाइपास किया। साथ ही जगुआर और एयरफोर्स के अन्य विमान भी इस दौरान यहां पर दिखाई दिए। ये एयरस्ट्रिप भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के पास ही है, ऐसे में किसी विपरीत परिस्थिति में इसकी अहमियत सबसे अधिक होगी। हाइवे पर इस तरह की एयरस्ट्रिप युद्धक परिस्थितियों में अपना अहम योगदान देती है।

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