भारत ने युद्धग्रस्त अफगानिस्तान से अपने नागरिकों को निकालने के अपने अभियान को ‘ऑपरेशन देवी शक्ति’ (Operation Devi Shakti) नाम दिया है।
ये हैं खास बातें
भारत की निकासी प्रक्रिया
भारत अमेरिका और अन्य देशों के साथ समन्वय से निकासी अभियान चला रहा है। अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से भारत अब तक 800 से अधिक लोगों को वहां निकाल चुका है। लगभग 200 अफगान सिख और हिंदू अभी भी युद्धग्रस्त देश में फंसे हुए हैं और उन्होंने काबुल के करता परवन गुरुद्वारे में शरण ली है।
पृष्ठभूमि
अफगानिस्तान से अधिकांश अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद, तालिबान और उसके सहयोगी आतंकवादी समूहों ने 1 मई, 2021 को व्यापक आक्रमण शुरू किया। काबुल की राजधानी तालिबान के हाथों में आ जाने के बाद तालिबान ने देश पर कब्जा कर लिया जिसके परिणामस्वरूप अफगान सरकार का पतन हो गया।
अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात (Islamic Emirate of Afghanistan)
यह एक गैर-मान्यता प्राप्त इस्लामिक राज्य है जिसे पहली बार सितंबर 1996 में तालिबान द्वारा स्थापित किया गया था। तालिबान एक देवबंदी इस्लामी आतंकवादी संगठन है जिसने 1996 में काबुल के पतन के बाद अफगानिस्तान पर अपना शासन शुरू किया और 2001 तक सत्ता में रहा। 2001 में, इसे अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन द्वारा गिरा दिया गया था। अब तालिबान फिर से सत्ता में लौट आया है और 2021 में इस्लामिक अमीरात को फिर से स्थापित किया है।