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राष्ट्रपति ने SC में 9 जजों की नियुक्ति को मंजूरी दी, 2027 में देश को मिलेगी पहली महिला मुख्य न्यायाधीश

देश को पहली महिला चीफ जस्टिस मिलना तय हो गया है। केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम (Supreme Court Collegium) की अनुशंसा वाले सभी नौ जजों के नाम पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मुहर लगा दी है। इसके साथ ही साल 2027 में देश में पहली महिला CJI मिलने का रास्ता साफ हो गया है। न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना, देश की पहली महिला चीफ जस्टिस बनेंगी।

केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम जस्टिस ए.एस. ओका, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस जे.के. माहेश्वरी, जस्टिस हिमा कोहली, जस्टिस बी वी नागरत्ना, जस्टिस सी.टी. रवि कुमार जस्टिस एम.एम. सुंदरेश, जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी और सुप्रीम कोर्ट के वकील पीएस नरसिंह सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त हुए हैं। इन नामों में से एक न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना हैं, जो भारत की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनने की कतार में हो सकती हैं। माना जा रहा है कि फाइलों को आगे की औपचारिकताओं और नियुक्तियों के लिए राष्ट्रपति को भेज दिया गया है। अगर सब कुछ सही होता है तो सुप्रीम कोर्ट में जल्द नौ नए न्यायाधीश शपथ लेंगे।

कौन से हैं वो 9 नाम

नौ नामों में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के आठ जज और एक वकील शामिल हैं। इनमें कर्नाटक के मुख्य न्यायाधीश ए.एस. ओका भी हैं, जो सभी HC के मुख्य न्यायाधीशों में सबसे वरिष्ठ मुख्य न्यायाधीश हैं। गुजरात के मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ, सिक्किम के मुख्य न्यायाधीश जे.के. माहेश्वरी, तेलंगाना की मुख्य न्यायाधीश हिमा कोहली भी इस लिस्ट में शामिल हैं। हिमा कोहली हाईकोर्ट की एकमात्र सेवारत महिला मुख्य न्यायाधीश भी हैं।

न्यायधीश नागरत्ना का नाम भी शामिल

केरल हाईकोर्ट की न्यायाधीश न्यायमूर्ति नागरत्ना, मद्रास HC के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सी.टी. रवि कुमार, न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश, न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी और वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस नरसिंह का नाम सिफारिश में शामिल था। कॉलेजियम में सीजेआई के अलावा जस्टिस यू.यू. ललित, ए.एम. खानविलकर, डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव की बैठक 17 अगस्त को हुई थी। 34 जजों की स्वीकृत संख्या में से अभी सुप्रीम कोर्ट में सिर्फ 24 जज हैं। हालांकि नौ नए जजों की नियुक्ति के बाद भी एक सीट खाली रहेगी।

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