अनऑर्गनाइज्ड सेक्टर के वर्करों के लिए सरकार e-SHRAM नाम से एक पोर्टल लॉन्च की है। यह वर्करों का डेटाबेस होगा, जिसमें उनका आधार नंबर, फोन नंबर, होमटाउन जैसी जानकारी होगी। पोर्टल के लॉन्च होने के तुरंत बाद वर्कर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। इस पोर्टल के जरिए सरकार सोशल सिक्योरिटी स्कीमों को उनके दरवाजे पर तक पहुंचाएगी।
सोशल सिक्योरिटी स्कीमों को जन-जन तक पहुंचाएगा ई-श्रम पोर्टल
मंगलवार को केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंदर यादव ने ई-श्रम पोर्टल का लोगो लॉन्च किया था। इस मौके पर यादव ने कहा था कि यह ‘हमारे राष्ट्र निर्माताओं, हमारे श्रम योगियों’ का नेशनल डेटाबेस होगा। उन्होंने कहा कि सरकार का मकसद अपनी सोशल सिक्योरिटी स्कीमों को जन-जन तक पहुंचना है। अनऑर्गनाइज्ड सेक्टर के वर्करों का नेशनल डेटाबेस यानी ई-श्रम पोर्टल उसी दिशा में उठा कदम है।
प्रवासी मजदूर, रेहड़ी-पटरी वाले, घरेलू कामगार करा सकेंगे रजिस्ट्रेशन
ई-श्रम पोर्टल स्कीम के जरिए सरकार अनऑर्गनाइज्ड सेक्टर के 38 करोड़ वर्करों का डेटाबेस बनाना चाहती है। इसका मकसद केंद्र की सोशल सिक्योरिटी स्कीमों को इंटीग्रेट करना है। इस डेटाबेस में मजदूर, प्रवासी मजदूर, रेहड़ी-पटरी वाले, घरेलू कामगार, कंस्ट्रक्शन वर्कर, गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर, खेतीहर मजदूर और असंगठित क्षेत्र के दूसरे वर्कर रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे।
रजिस्ट्रेशन के लिए आधार नंबर और बैंक खाते की जानकारी देना जरूरी
सरकार ई-श्रम पोर्टल के साथ नेशनल टोल फ्री नंबर 14434 भी जारी करेगी। वर्कर इस नंबर पर फोन करके पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी जानकारी ले सकेंगे। ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आधार नंबर और बैंक खाते की जानकारी देना जरूरी होगा। वर्करों को पोर्टल पर जन्म तिथि, मोबाइल नंबर, होमटाउन और सोशल कैटेगरी जैसी जरूरी जानकारी भी दर्ज करानी होगी।
वर्करों की डिटेल राज्य सरकारों और विभागों के साथ शेयर की जाएगी
रजिस्ट्रेशन कराने पर वर्करों को 12 डिजिट के यूनीक नंबर वाला ई-श्रम कार्ड मिलेगा। ई-श्रम पर दी जाने वाली वर्करों की डिटेल राज्य सरकारों और विभागों के साथ शेयर की जाएगी। ईपीएफओ का कहना है कि ई-श्रम कार्ड से देश के करोड़ों असंगठित कामगारों को नई पहचान मिलेगी। ई-श्रम कार्ड पूरे देश में मान्य होगा।