भारत ने स्वदेश निर्मित लड़ाकू विमानों को मास्को में अंतर्राष्ट्रीय सैन्य-तकनीकी फोरम ‘ARMY- 2021’ में पेश किया।
ये हैं खास बातें
भारत से रक्षा निर्यात
अधिकारियों के अनुसार, भारत से रक्षा निर्यात में DRDO के प्रयासों से आगे बढ़ने की बहुत बड़ी संभावना है। DRDO अधिकांश स्वदेशी प्रणालियों का विकासकर्ता है।
ARMY-2021 में DRDO का उद्देश्य
DRDO ने लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से ARMY-2021 में विमानों का प्रदर्शन किया कि भारत ऐसी रक्षा प्रणालियों का निर्यात कर सकता है। पिछले प्रदर्शनों के आधार पर कुछ व्यापारिक सौदे भी शुरू होंगे।
DRDO का योगदान
DRDO मिसाइलों, हल्के लड़ाकू विमान, मुख्य युद्धक टैंक, रडार, मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर, मिसाइल-आधारित वायु रक्षा प्रणाली, जीवन विज्ञान से संबंधित उत्पादों और नौसेना प्रणालियों के क्षेत्र में कई उन्नत तकनीकों और प्रणालियों का विकास कर रहा है।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO)
रक्षा मंत्रालय में रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के तहत DRDO सेना के लिए अनुसंधान और विकास करता है। इसका मुख्यालय दिल्ली में है। DRDO की स्थापना 1958 में रक्षा विज्ञान संगठन के साथ तकनीकी विकास प्रतिष्ठान, तकनीकी विकास और भारतीय आयुध कारखानों के उत्पादन निदेशालय को मिलाकर की गई थी।