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केंद्र सरकार ने ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) डेवलप करने का प्लान ई-कॉमर्स मार्केट में एकाधिकार खत्म करने के लिए बनाया है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को यह बात कही। वहीं, स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ONDC का जिक्र किया।

अमेजन और वॉलमार्ट के मंसूबों पर लगाम लगेगी

सरकार की यह योजना भारत के 800 अरब डॉलर के रिटेल मार्केट पर दबदबा कायम करने के अमेजन और वॉलमार्ट के मंसूबों पर लगाम लगा सकती है। ई-कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क बनाने की योजना पर सरकार का बयान तब आया है, जब दोनों दिग्गज ऑनलाइन रिटेलर के खिलाफ कॉम्पिटिशन को दबाने के आरोपों की जांच हो रही है।

ई-कॉमर्स स्पेस में UPI जैसा काम करेगा ONDC

वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से पेश ओपन ई-कॉमर्स नेटवर्क की योजना का मकसद व्यापक डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क के जरिए सामान ही नहीं सेवाओं की भी खरीद-फरोख्त से जुड़े सभी पहलू को बढ़ावा देना है। सरकार के मुताबिक डिजिटल पेमेंट स्पेस में जो काम UPI का है, वही ई-कॉमर्स स्पेस में ONDC का होगा।

किसी एक प्लेटफॉर्म से जुड़ा नहीं होगा नेटवर्क

सरकार की पहल का मकसद डिजिटल ई-कॉमर्स स्पेस में सबके लिए बराबरी के मौके बनाना है। ONDC किसी प्लेटफॉर्म से जुड़ा नहीं होगा, बल्कि सबके लिए उपलब्ध होगा। अभी ई-कॉमर्स स्पेस प्लेटफॉर्म पर केंद्रित है यानी प्रॉडक्ट या सर्विस खरीदने और बेचने वालों का एक प्लेटफॉर्म पर होना या एक एप्लिकेशन का इस्तेमाल करना जरूरी है।

कारोबार के सभी पहलू के लिए एकसमान प्रक्रिया

अगर ONDC लागू हो जाता है और इसको घरेलू ई-कॉमर्स स्पेस में सबके लिए जरूरी बना दिया जाता है, तो ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजन या फ्लिपकार्ट, सबको कारोबार के सभी पहलू के लिए एकसमान प्रक्रिया अपनानी होगी। इससे छोटी और नई ऑनलाइन रिटेल कंपनियों के प्लेटफॉर्म को खूब बढ़ावा मिलेगा।

UPI की तर्ज पर ओपन सोर्स बेस्ड होगा ONDC

ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर नए सेलर्स आएंगे, उनकी पहचान के क्या मानक होंगे, मार्केट प्राइस कैसे तय होगा और प्रॉडक्ट कैटलॉगिंग कैसे होगी यानी उनके बारे में जानकारी कैसे दी जाएगी, यह सब यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) की तर्ज पर ओपन सोर्स बेस्ड होगा।

यूजर अपने हिसाब से इस्तेमाल कर सकता है

किसी प्रोसेस के ओपन सोर्स बेस्ड होने का मतलब यह होता है कि यूजर उसे अपने हिसाब से इस्तेमाल कर सकता है। उसकी रिवर्स इंजीनियरिंग कर सकता है, यानी उसके काम करने के तरीके को समझकर उसे अपने हिसाब से बनाने के लिए बेरोकटोक उसमें बदलाव कर सकता है।

ओपन सोर्स बेस्ड होने से रिवर्स इंजीनियरिंग मुमकिन

सरकार का कहना है कि ONDC से समूची वैल्यू चेन डिजिटाइज हो जाएगी, ईकॉमर्स की कारोबारी प्रक्रिया स्टैंडर्डाइज हो जाएगी, ज्यादा-से-ज्यादा सप्लायर ऑनलाइन स्पेस में आ सकेंगे और कस्टमर्स को ज्यादा वैल्यू मिलेगी। इससे इनवेंटरी मैनेजमेंट, ऑर्डर मैनेजमेंट (कस्टमर से ऑर्डर लेने से लेकर उसकी डिलीवरी तक का काम) जैसे कामकाजी तौर-तरीकों का भी मानकीकरण हो जाएगा।

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