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उत्तर प्रदेश सरकार ने “काकोरी ट्रेन षड्यंत्र” (Kakori Train Conspiracy) नामक एक ऐतिहासिक स्वतंत्रता आंदोलन का नाम बदलकर “काकोरी ट्रेन एक्शन” (Kakori Train Action) कर दिया है और उत्तर प्रदेश के काकोरी में एक ट्रेन को लूटने के लिए फांसी पर लटकाए गए क्रांतिकारियों को श्रद्धांजलि दी।

ये हैं खास बातें

क्रांतिकारियों ने 1925 में हथियार खरीदने के लिए ट्रेन को लूट लिया था।
इस अवसर पर स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को भी सम्मानित किया गया।
वे क्रांतिकारी कुछ जोशीले लोग थे, जिनका एक ही लक्ष्य ब्रिटिश शासन से भारत की स्वतंत्रता था। इसलिए, यह सोचकर नाम बदल दिया गया कि उन्होंने कोई साजिश नहीं की क्योंकि वे आजादी के लिए लड़ रहे थे।
स्वतंत्रता सेनानी राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्ला खान और रोशन सिंह को 19 दिसंबर, 1927 को काकोरी डकैती में शामिल होने के लिए फांसी पर लटका दिया गया था।

काकोरी ट्रेन एक्शन (Kakori Train Action)

यह एक ट्रेन डकैती थी जो 9 अगस्त, 1925 को लखनऊ के पास काकोरी नामक गाँव में ब्रिटिश राज के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान हुई थी। इस डकैती का आयोजन हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (HRA) द्वारा किया गया था। इसकी योजना राम प्रसाद बिस्मिल और अशफाकउल्लाह खान ने बनाई थी। स्वतंत्रता प्राप्त करने के उद्देश्य से ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ क्रांतिकारी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए HRA की स्थापना की गई थी। बिस्मिल और उनकी पार्टी के क्रांतिकारियों को HRAके लिए हथियार खरीदने के लिए पैसे की आवश्यकता थी। इसलिए, उन्होंने उत्तर रेलवे लाइन पर एक ट्रेन को लूटने का फैसला किया। लूट की योजना राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्ला खां, राजेंद्र लाहिड़ी, केशव चक्रवर्ती, मुकुंदी लाल, बनवारी लाल आदि ने अंजाम दी थी।

हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (Hindustan Socialist Republican Association – HSRA)

HSRA एक क्रांतिकारी संगठन था जिसकी स्थापना राम प्रसाद बिस्मिल, सचिंद्र नाथ सान्याल, सचिंद्र नाथ बख्शी और जोगेश चंद्र चटर्जी ने की थी। पहले इसे हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (HRA) के नाम से जाना जाता था।

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