दृष्टि (vision) पर अब तक के पहले प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मंजूरी दे दी है। संयुक्त राष्ट्र ने अपने 193 सदस्य देशों से आह्वान किया कि वे अपने प्रत्येक नागरिक की आंखों की देखभाल सुनिश्चित करें। यह संकल्प का उद्देश्य वर्ष 2030 तक लगभग 1.1 बिलियन लोगों की मदद करना है, जो दृष्टि हानि से पीड़ित हैं।
ये हैं मुख्य बातें
- “Vision for Everyone” नामक प्रस्ताव को एंटीगुआ, बांग्लादेश और आयरलैंड द्वारा प्रायोजित किया गया है और 100 से अधिक देशों द्वारा सह-प्रायोजित किया गया है।
- इस प्रस्ताव के तहत संयुक्त राष्ट्र ने सदस्य देशों से आंखों की देखभाल के लिए एक सरकारी दृष्टिकोण स्थापित करने को कहा है।
- संयुक्त राष्ट्र ने दाताओं और वित्तीय संस्थानों से विकासशील देशों के लिए वित्तपोषण प्रदान करने का भी आह्वान किया है ताकि वे सामाजिक और आर्थिक विकास पर दृष्टि के नुकसान के प्रभाव को संबोधित कर सकें।
- इस प्रस्ताव में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर आंखों की देखभाल की जरूरतें काफी हद तक बढ़ने जा रही हैं क्योंकि वर्ष 2050 तक वैश्विक आबादी का आधा हिस्सा दृष्टि दोष से पीड़ित हो सकता है।
- वैश्विक स्तर पर दृष्टि की हानि से पीड़ित 1 अरब लोगों में से 90% से अधिक लोग निम्न या मध्यम आय वर्ग के देशों में रहते हैं।
सभी नेत्रहीन लोगों में 55% लड़कियां और महिलाएं हैं। - आंखों की देखभाल से संबंधित सेवाओं तक बेहतर पहुंच से प्रति व्यक्ति घरेलू खर्च में लगभग 88% की वृद्धि हो सकती है।
- भूख और गरीबी को समाप्त करने, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करने और असमानता को कम करने के वर्ष 2030 के लिए संयुक्त राष्ट्र के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आंखों की देखभाल से संबंधित सेवा तक बेहतर पहुंच आवश्यक है।