दो भारतीय समुदायों ने इस वर्ष का UNDP Equator Prize 2021 जीता है। उन्होंने जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता के नुकसान से निपटने और अपने स्थानीय विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अभिनव, स्थानीय और विभिन्न प्रकृति-आधारित समाधानों को प्रदर्शित करने में उनकी असाधारण उपलब्धि के लिए यह प्रतिष्ठित पुरस्कार जीता है।
भारतीय विजेता
अधिमलाई पझंगुडियिनर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड (Aadhimalai Pazhangudiyinar Producer Company Limited)
आधीमलाई पझंगुडियिनर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड 1700 सदस्य वाली एक सहकारी समिति है। यह पूरी तरह से नीलगिरि बायोस्फीयर रिजर्व, तमिलनाडु के स्वदेशी लोगों द्वारा चलाई जाती है। पिछले 8 वर्षों में इस समुदाय द्वारा किए गए कार्यों ने विभिन्न प्रकार की फसलों और वन उपज के विपणन और प्रसंस्करण द्वारा 147 गांवों में आजीविका में सुधार किया है। फसल की कटाई और कृषि पद्धतियों की नियमित रूप से निगरानी की जाती है ताकि उत्पाद की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके और संसाधनों के अति प्रयोग को भी रोका जा सके।
स्नेहकुंजा ट्रस्ट (Snehakunja Trust)
45 वर्षों के लिए, स्नेहकुंजा ट्रस्ट ने समुदाय-आधारित संरक्षण और बहाली पर ध्यान केंद्रित करते हुए कर्नाटक तट और पश्चिमी घाट में तटीय पारिस्थितिक तंत्र और संवेदनशील आर्द्रभूमि की रक्षा की है। इस संगठन ने सैकड़ों ग्राम वन समितियों और स्वयं सहायता समूहों को विभिन्न प्राकृतिक कृषि तकनीकों, पारंपरिक ज्ञान, स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग, उद्यमिता को बढ़ावा देने, और सामुदायिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के आधार पर संसाधनों का स्थायी प्रबंधन करने में सहायता और सहायता की है। वर्तमान में, यह ट्रस्ट भारत की पहली ब्लू कार्बन परियोजना का संचालन का रही है।