What is Non-transferable electronic vouchers : केन्द्र सरकार ने कोविड19 वैक्सिनेशन (Covid-19 Vaccination) की नीति में बदलाव किए हैं। इसके तहत अब देश के सरकारी अस्पतालों में 21 जून से 18 साल की उम्र से अधिक के नागरिकों को फ्री में कोरोनावायरस वैक्सीन लगाई जाएगी। वहीं प्राइवेट हॉस्पिटल में इसके लिए चार्ज देना होगा। इसके अलावा प्राइवेट सेंटरों पर गरीब लोगों को कोरोना की वैक्सीन लेने में मदद हो सके, इसके लिए सरकार RBI की तरफ से मंजूर नॉन-ट्रांसफरेबल इलेक्ट्रॉनिक वाउचर के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करेगी। इस बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने सोमवार शाम को राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान भी बताया था।
क्या हैं नॉन-ट्रांसफरेबल इलेक्ट्रॉनिक वाउचर
सरकार ने अभी इन वाउचर्स के बारे में ज्यादा डिटेल का खुलासा तो नहीं किया है लेकिन इतना जरूर कहा गया है कि इन्हें आरबीआई मंजूर करेगा। इन वाउचर्स की मदद से गरीब लोगों को प्राइवेट हॉस्पिटल में वैक्सीन लगवाने में मदद हो सकेगी। इन वाउचर को आर्थिक रूप से सक्षम लोग किसी गरीब के लिए जारी कर सकेंगे और उसके वैक्सिनेशन का खर्च उठा सकेंगे। नॉन-ट्रांसफरेबल इलेक्ट्रॉनिक वाउचर का इस्तेमाल वही लाभार्थी कर सकेगा, जिसके लिए इसे जारी किया गया है। कहा जा रहा है कि इन्हें मोबाइल में डाउनलोड किया जा सकेगा और प्राइवेट वैक्सिनेशन सेंटर्स पर इन्हें स्कैन किया जा सकेगा। इसके बाद वैक्सिनेशन का भुगतान हो जाएगा। नॉन-ट्रांसफरेबल इलेक्ट्रॉनिक वाउचर Co-win पर भी कैप्चर हो जाएंगे।
क्या है मकसद
नॉन-ट्रांसफरेबल इलेक्ट्रॉनिक वाउचर को लाने का मकसद है कि आर्थिक रूप से सक्षम लोग प्राइवेट हॉस्पिटल या सेंटर में गरीब लोगों को वैक्सीन लगवाने में मदद कर सकें। वैसे तो सरकार ने सरकारी हॉस्पिटल/सेंटर्स पर सभी नागरिकों के लिए कोरोनावायरस वैक्सिनेशन को फ्री कर दिया है, फिर भले ही उनका आर्थिक स्टेटस चाहे जो हो। लेकिन सरकार का कहना है कि जो लोग वैक्सिनेशन का खर्च उठाने में सक्षम हैं, उन्हें प्राइवेट हॉस्पिटल्स के वैक्सिनेशन सेंटर्स का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।