केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने यह बताया कि 24 मई, 2021 को भारत और इजरायल की सरकारों ने कृषि के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लक्ष्य के साथ वर्ष, 2023 तक तीन साल की संयुक्त कार्य योजना पर हस्ताक्षर किए हैं। भारत में इज़राइल के राजदूत रॉन मल्का ने यह कहा कि इस तीन साल की कार्य योजना (वर्ष 2021-2023) से स्थानीय स्तर पर किसानों को उत्कृष्टता के गांवों और उत्कृष्टता केंद्रों के माध्यम से लाभ होगा। यह कार्ययोजना भारत और इस्राइल के बीच बढ़ती साझेदारी की मजबूती का प्रतीक है। इज़राइल के राजदूत रॉन मलका ने यह भी कहा कि यह तीन साल की कार्य योजना मौजूदा उत्कृष्टता केंद्रों (CEOs) को बढ़ाने, CEOs मूल्य श्रृंखला को विकसित करने, नए केंद्र स्थापित करने और CEOs को आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम करेगी।
5वीं भारत-इजरायल कृषि कार्य योजना (IIAP) के बारे में
• यह 5वीं इंडो-इज़राइल एग्रीकल्चर एक्शन प्लान (IIAP), कृषि सहयोग के लिए भारत और इज़राइल के बीच तीन साल की कार्य योजना है, जिसका उद्देश्य भारत-इज़राइल द्विपक्षीय संबंधों और कृषि और कृषक समुदाय के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करना है।
• इस कार्य योजना, भारत-इजरायल के उत्कृष्टता गांव (VoE) के तहत, कृषि क्षेत्र में एक मॉडल पारिस्थितिकी तंत्र को आठ राज्यों में स्थापित किया जाएगा और इसके साथ ही 75 गांवों के भीतर 13 इंडो-इज़राइल कृषि परियोजना उत्कृष्टता केंद्र (CoEs) भी स्थापित किए जाएंगे।
भारत-इजरायल कृषि कार्य योजना (IIAP) के बारे में
• भारत-इज़राइल कृषि कार्य योजना (IIAP), एक द्विपक्षीय साझेदारी है जिस पर भारत और इज़राइल ने 10 मई, 2006 को तेल अवीव में हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत कृषि के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी को इज़राइल के उत्कृष्टता के केंद्रों (CoE) के माध्यम से भारत के हरियाणा और महाराष्ट्र में स्थानांतरित किया गया था।
• ऐसी चार कृषि कार्य योजनाएं (IIAP) अब तक सफलतापूर्वक पूरी की जा चुकी हैं – पहली IIAP (2008-10), दूसरी IIAP (2012-15), तीसरी IIAP (2015-18) और चौथी IIAP (2018-20)।
• कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार और अंतर्राष्ट्रीय विकास सहयोग के लिए इज़राइली एजेंसी – MASHAV इज़राइल के इस सबसे बड़े G2G सहयोग को संचालित कर रही है।
• अब तक IIAP के तहत, 29 उत्कृष्टता केंद्र (CoEs) स्थापित किए जा चुके हैं और देश-भर के 12 राज्यों में संचालित हो रहे हैं।