भारत में कोरोना महामारी की भवायह स्थिति के बची भारतीय वायुसेना (Air Force) ने मोर्चा संभाल लिया है। अब देश की वायुसेना ने देशभर के अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन पहुंचाने के प्रयास तेज कर दिए हैं। वायुसेना ऑक्सीजन कंटेनर, आवश्यक दवाएं और अन्य चिकित्सा उपकरण विमानों के जरिए भेज रही है। इसके लिए वायुसेना के परिवहन विमानों और हेलीकाप्टरों की मदद ली जा रही है।
वायुसेना के सी-17 और आईएल-76 मालवाहक विमानों ने बड़े-बड़े ऑक्सीजन टैंकरों (Oxygen Tankers) को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाना शुरू कर दिया है। इस कदम से देश में इलाज में काम आने वाली ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी दूर करने में मदद मिलेगी। 2020 में जब कोविड महामारी (Covid Pandemic) का प्रकोप शुरू हुआ था, तब भी वायुसेना ने महामारी से निपटने के लिए दवाएं, चिकित्सा तथा अन्य आवश्यक सामग्री पहुंचाने के लिए अपने विमानों की सेवाएं उपलब्ध कराई थीं। विदेशों में फंसे प्रवासी भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए भी भारतीय वायुसेना के विमानों का इस्तेमाल किया गया था।
भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) का सबसे बड़ा परिवहन विमान सी-17 ग्लोबमास्टर (C-17 Globemaster) है। इसे अमेरिकी अंतरिक्ष कंपनी बोइंग(Boing) ने बनाया है। सी-17 ग्लोबमास्टर मुख्य तौर पर एक परिवहन विमान है। विशालकाय, मजबूत और लंबी दूरी तक सामान ढोने वाला यह विमान किसी भी मौसम में लंबी दूरी तक बड़े लड़ाकू उपकरणों, सैनिकों और मानवीय सहायता ले जाने में सक्षम हैं। 2013 में स्काई लॉर्ड्स स्क्वाड्रन में पहली बार इसे शामिल किया गया था। भारत में और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति व्यवस्था, मानवीय सहायता और आपदा राहत प्रदान करने में भी इस विमान ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
आईएल-76 सेवियत संघ वर्तमान रूस (Russia) द्वारा निर्मित चार इंजन वाला मल्टी पर्पज विमान है। यह 850 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। यह विमान 72 हजार किलो का है। इसे इल्यूशिन कंपनी ने बनाया है।
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