इतिहास और संस्कृति को बचाएं एवं बनाएं रखने के लिए जरुरी है कि हम अपनी धरोहरों का संरक्षण करें। सालों पहले हुए निर्माण का संरक्षण करना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि समय के साथ सिर्फ इंसान ही नहीं इमारतें भी बुढ़ी होती हैं। संपूर्ण विश्व में 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस/विश्व विरासत दिवस के रूप में मनाया जाता है। पहली बार विश्व धरोहर दिवस 18 अप्रैल, 1982 को ट्यूनीशिया में ‘इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ मोनुमेंट्स एंड साइट्स’ द्वारा मनाया गया था।
विश्व विरासत दिवस 2021 की थीम Complex Pasts : Diverse Futures (कमप्लेक्स पास्ट : डाइवर्स फ्यूचर्स) है।
1968 में एक अंतरराष्ट्रीय संगठन ने विश्व प्रसिद्ध इमारतों और प्राकृतिक स्थलों की रक्षा के लिए एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया था जो कि स्टॉकहोम में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में पारित किया गया। इसके बाद “यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज सेंटर” अस्तित्व में आया। 18 अप्रैल, 1978 में विश्व के कुल 12 स्थलों को विश्व स्मारक स्थलों की सूची में शामिल किया गया। इस दिन को तब ‘विश्व स्मारक दिवस’ के रूप में मनाया जाता था। लेकिन यूनेस्को ने वर्ष 1983 नवंबर माह में इस दिवस को “विश्व विरासत या धरोहर दिवस” के रूप में बदल दिया।
ये भी पढ़ें— National Nursery Portal : कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राष्ट्रीय नर्सरी पोर्टल किया लांच
ये भी पढ़ें— South Korian Hawk : दक्षिण कोरिया का KF-21 लड़ाकू विमान, पहली बार आया दुनिया के सामने