देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में भारी वृद्धि के चलते मेडिकल ऑक्सीजन की मांग बढ़ गई है। जिसके लिए रेलवे ने लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (LMO) और ऑक्सीजन सिलेंडरों को ले जाने के लिए ऑक्सीजन एक्सप्रेस (OXYGEN Express) चलाने की योजना बनाई है। इन ट्रेनों को निर्बाध गति से चलाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं। रेल मंत्रालय के अनुसार, महाराष्ट्र से खाली टैंकर सोमवार को चलेंगे जो विशाखापत्तनम, जमशेदपुर, राउरकेला, बोकारो से ऑक्सीजन उठाएंगे।
ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों के तीव्र संचालन के लिये ग्रीन कॉरिडोर बनाया जा रहा है। लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की ढुलाई से संबंधित मुद्दों पर 17 अप्रैल को रेलवे बोर्ड के अधिकारियों, राज्य परिवहन आयुक्तों और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों की बैठक हुई थी।
विशाखापत्तनम, अंगुल और भिलाई में रैंप तैयार किये जा चुके हैं। कलमबोली में पहले से मौजूद रैंप को मजबूत बनाया जा रहा है। मंत्रालय ने कहा, कलमबोली रैंप 19 अप्रैल तक तैयार हो जाएगा। अन्य स्थानों पर भी टैंकरों के पहुंचने से पहले रैंप तैयार हो जाएंगे।
लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन को रोल ऑन रोल ऑफ सर्विस के जरिए ले जाया जा सकता है। इसके लिए रोड टैंकर्स को फ्लैट वैगंस पर रखना होगा। रोड ओवरब्रिज और ओवरहेड इक्विपमेंट की वजह से कई स्थानों पर ऊंचाई कम है। यही कारण है कि 3320 मिमी ऊंचाई वाले रोड टैंकर मॉडल T 1618 को इस काम के लिए उपयुक्त माना गया। 15 अप्रैल को मुंबई के कलमबोली गुड्स शेड में डीबीकेएम वैगन को लाया गया और साथ ही लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन से भरा एक टी 1618 टैंकर भी यहां लाया गया। इंडस्ट्री और रेलवे के प्रतिनिधियों ने जॉइंट मेजरमेंट किया।
ये भी पढ़ें— Arch Bridge : दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज जम्मू कश्मीर में तैयार, जानें क्यों बनाया जाता है आर्क ब्रिज
ये भी पढ़ें— Narendra Kohli : महाभारत और रामायण की उपन्यास शृंखला से चर्चित हुए डॉ. नरेंद्र कोहली का निधन
ये भी पढ़ें— Indian Railway : जानें राष्ट्रीय रेल योजना-2030 के बारे में विस्तार से
ये भी पढ़ें— Camel Traffic Signal : ऊंटों के लिए विश्व का पहला ट्रैफिक सिग्नल तैयार, जानें क्यों बनाया गया?