दक्षिण कोरिया ने 9 अप्रैल को पहली बार अपने स्वदेशी KF-21 सुपरसोनिक लड़ाकू विमान को दुनिया के सामने पेश किया। एक भव्य कार्यक्रम में राष्ट्रपति मून जे इन ने इस स्वदेशी लड़ाकू विमान का अनावरण किया। इसी के साथ दक्षिण कोरिया भी उन गिने-चुने देशों की कतार में शामिल हो गया है, जिनके पास स्वदेशी लड़ाकू विमान है।
KF-21 की पहली उड़ान के बाद इसे हवा से हवा और हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों से लैस किया जाएगा। क्रूज मिसाइल साइज में लंबी होती हैं और फायर करने के दौरान उनसे विमान के अस्थिर होने का खतर होता है। इसलिए, दुनिया में भारत समेत चुनिंदा देश ही ऐसे हैं, जिनके पास ऐसी टेक्नोलॉजी पहले से ही मौजूद है।
दो इंजन वाला यह लड़ाकू विमान सिंगल और डबल सीट के वैरियंट में उपलब्ध होगा। इसमें डबल सीट वाले विमान ट्रेनिंग के लिए भी काम आएंगे। राष्ट्रपति मून जे-इन ने इस विमान को लॉन्च करते हुए इसे ‘बोरमाए’ या ‘हॉक’ का नाम दिया। इस विमान को दक्षिण Gyeongsang प्रांत के Sacheon में कोरिया एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज के प्रोडक्शन प्लांट में बनाया जाएगा। साल 2028 तक 40 लड़ाकू विमानों के तैनाती की योजना बनाई गई है, जबकि 2032 तक इसे बढ़ाकर 120 कर दिया जाएगाा।
इस साल के अंत तक जब इसका परीक्षण पूरा हो जाएगा तब दक्षिण कोरिया दुनिया का आठवां देश बन जाएगा जिसने एक उन्नत सुपरसोनिक फाइटर विकसित किया है। इससे पहले अमेरिका, रूस, चीन, जापान, फ्रांस, स्वीडन और यूरोपीय देश यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, इटली और स्पेन ने साथ मिलकर पहले से ही सुपरसोनिक लड़ाकू विमान बनाया हुआ है।
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