भारत सरकार ने फिल्म सर्टिफिकेशन अपीलेट ट्रिब्यूनल को रातोंरात निरस्त कर दिया है। इससे फिल्म प्रोड्यूसर्स के लिए सेंसर बोर्ड के फैसले के खिलाफ अपील में जाने का एक रास्ता बंद हो गया है। केन्द्र सरकार ने दो दिन पहले दी ट्रिब्यूनल रिफॉर्म्स (रैशनलाइजेशन एंड कंडीशंस ऑफ सर्विस) ऑर्डिनेंस, 2021 जारी किया है।
इसके जरिए अलग-अलग आठ ट्रिब्यूनल को निरस्त किया गया है। जिसमें फिल्म सर्टिफिकेशन अपीलेट ट्रिब्यूनल भी शामिल है। अब जिस भी निर्माता को सेंसर बोर्ड के फैसले से आपत्ति होगी, उसे सीधे हाईकोर्ट में ही अपील करनी पड़ेगी।भारत सरकार ने सिनेमेटोग्राफ एक्ट के तहत 1983 में फिल्म सर्टिफिकेशन ट्रिब्यूनल का गठन किया था। इस ट्रिब्यूनल में सेंसर बोर्ड के फैसले के खिलाफ अपील की जा सकती थी। सेंसर बोर्ड ने कोई कट या तो कोई सुधार का आदेश दिया हो और फिल्म निर्माता को लगे कि सेंसर बोर्ड का ये आदेश सही नहीं है, तो वे ट्रिब्यूनल में अपील दायर कर सकते थे।
सरकार ने The Tribunals Reforms (Rationalisation and Conditions of Service) Ordinance, 2021 जारी किया है। इस ऑर्डिनेंस के जरिए आठ ट्रिब्यूनल निरस्त कर दी गई हैं। इन सारी ट्रिब्यूनल्स की न्यायिक सत्ता तब्दील की गई है। मतलब अपील सुनने का जो न्यायिक अधिकार अब तक इन ट्रिब्यूनल को था, उसे हाईकोर्ट या और सत्ता मंडल को दिया गया है। फिल्म सर्टिफिकेशन के मामले में ये अधिकार हाईकोर्ट को दिया गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसी साल फरवरी में लोकसभा में The Tribunals Reforms (Rationalisation and Conditions of Service) Bill, 2021 पेश किया था। पर बजट सत्र में ये बिल बहाली के लिए चर्चा में लाया नहीं गया था। इसलिए अब ऑर्डिनेंस जारी किया गया है।
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