भारतीय रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। मुम्बई में बैंक की द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति ने सर्वसम्मति से रेपो दर 4 प्रतिशत और रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत पर बरकरार रखने का फैसला किया है।
समिति ने मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने के लिए समायोजित नीति को बनाये रखने और अर्थव्यवस्था पर कोविड के प्रभाव को कम करने के प्रयास जारी रखने का फैसला लिया है। आरबीआई के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 10.5 प्रतिशत पर बनी रहेगी।
मौद्रिक नीति समिति का मानना था कि वस्तुओं की अन्तर्राष्ट्रीय कीमतों में बढोत्तरी और उनकी ढुलाई पर अधिक खर्चे के कारण मुद्रास्फीति पर दबाव बनता है। आर्थिक पुनरूद्धार के लिए यह जरूरी है कि कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण पाया जाये।
जब मांग और आपूर्ति में असंतुलन पैदा होता है तो वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें बढ़ जाती हैं। कीमतों में इस वृद्धि को मुद्रास्फीति कहते हैं। भारत अपनी मुद्रास्फीति की गणना दो मूल्य सूचियों के आधार पर करता है। 1. थोक मूल्य सूचकांक 2. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक
ये भी पढ़ें— RBI : रेपो दर 4.25 प्रतिशत पर बरकरार, जानें क्या होता है रेपो रेट एवं रिवर्स रेपो रेट
ये भी पढ़ें— Arch Bridge : दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज जम्मू कश्मीर में तैयार, जानें क्यों बनाया जाता है आर्क ब्रिज