राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने दिवाला और ऋण शोधन अक्षमता संहिता संशोधन अध्यादेश, 2021 को चार अप्रैल से लागू करने की मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 31 मार्च को अध्यादेश के जरिए दिवाला और ऋण शोधन अक्षमता संहिता, 2016 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। यह पहल विश्वास के मॉडल और संशोधनों पर आधारित है, जिसमें ईमानदार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमियों का सम्मान करने पर बल दिया गया है। इससे, समाधान तो होगा ही, कम्पनी का स्वामित्व भी उनके पास ही बना रहेगा।
इस संशोधन का उद्देश्य संहिता के तहत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमियों के रूप में वर्गीकृत कॉर्पोरेट व्यक्तियों के लिए वैकल्पिक दिवाला समाधान की रूपरेखा उपलब्ध कराना है। इससे, सभी संबंधित पक्षों के लिए शीघ्र, किफायती और अधिकतम परिणाम इस ढंग से सुनिश्चित हो सकेंगे कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की निरंतरता कम से कम बाधित हो और रोजगार सुरक्षित बने रहें।
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