रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने मिसाइल सिस्टम को विकसित करने और उत्पादन करने के लिए प्राइवेट सेक्टर की फर्मों को अनुमति दे दी है। ये फैसला घरेलू रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है। यह मंजूरी “डेवलपमेंट कम प्रोडक्शन पार्टनर (DCPP) प्रोग्राम के तहत, दी गई है।
डीआरडीओ ने इसी माह एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन टेक्नोलॉजी का आखिरी टेस्ट पूरा कर लिया है। भारतीय पनडुब्बियों को और भी ज्यादा घातक बनाने की दिशा में इसे बहुत बड़ी सफलता माना जा रहा है, क्योंकि दुनिया के कुछ विकसित देशों के पास ही अभी यह टेक्नोलॉजी है। इस टेक्नोलॉजी से पनडुब्बियों में ना तो ज्यादा तेज आवाज होगी और ना ही दुश्मन उसका जल्दी आभास/जानकारी ले पाएगा।
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