ओलंपिक पदक विजेता गगन नारंग और अंजली भागवत सहित भारत को शानदार निशानेबाज देने वाले प्रतिष्ठित निशानेबाजी कोच 79 वर्षीय संजय चक्रवर्ती का मुंबई में निधन हो गया है। इन्हें द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
यह पुरस्कार आधिकारिक तौर पर खिलाड़ियों के शिक्षकों को शानदार प्रदर्शन के लिए दिया जाता है। जिनके नेतृत्व में खिलाड़ियों ने देश को मेडल दिलाया होता है। इस ख़िताब को ‘द्रोणाचार्य अवार्ड फोर आउटस्टैंडिंग कोचेस इन स्पोर्ट्स एंड गेम्स’ कहा जाता है। यह उन कोचों को दिया जाता है जिन्होंने 4 सालों में अपने खिलाड़ियों को ट्रेनिंग दी है।
यह पुरस्कार नेशनल स्पोर्ट्स डे 29 अगस्त को के दिन दिया जाता है। यह दिन मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन के रुप में मनाया जाता है। द्रोणाचार्य पुरस्कार को एतिहासिक गुरु गुरु‘द्रोण’ के नाम पर रखा गया है जिन्होंने कौरव और पांडव को युध्नीति सिखाई थी।
इस खिताब के योग्य कोचों को मिनिस्ट्री ऑफ़ यूथ अफेयर्स एंड स्पोर्ट्स द्वारा चुना जाता है। विजेता को द्रोण की ब्रॉन्ज़ की मूर्ती दी जाती है और साथी एक प्रमाण पत्र के साथ 10 लाख रुपए का इनाम भी दिया जाता है। पहले यह राशि 5 लाख रुपए थी लेकिन इसे 2020 में बढ़ाकर 10 लाख कर दिया गया। एक साल में ज़्यादा से ज़्यादा 5 द्रोणाचार्य खिताब दिए जाते हैं जिनमें दो लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड भी शामिल होते हैं।
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