इजरायल की एक मास्क निर्माता कंपनी ने ऐसा मास्क तैयार किया है, जिसमें जिंक-ऑक्साइड की परत है। जिसमे जिंक ऑक्साइड के नैनो-पार्टिकल का उपयोग करते हुए उसे ऐसे बनाया गया कि मास्क के संपर्क में आते ही कोरोना वायरस समेत बैक्टीरिया और फफूंद भी निष्क्रिय हो जाएं। खासकर हवा के जरिए कोरोना वायरस फैलने से रोकने में इसे 99 फीसदी से भी ज्यादा कारगर बताया जा रहा है। 55 धुलाइयों के बाद भी मास्क का ये गुण बना रहता है।
इस मास्क को सोनोविया कंपनी ने तैयार किया है। ये मास्क रियूजेबल है यानी बार-बार इस्तेमाल किये जा सकता है। मास्क का परीक्षण शंघाई में किया गया। वहां की लैब में पाया गया कि ये मास्क अपने संपर्क में आने 90% कोरोना वायरस को निष्क्रिय कर देता है।
जिंक ऑक्साइड एक अकार्बनिक यौगिक है, जिसका इस्तेमाल मरहम, फेस क्रीम से लेकर पेंट बनाने में भी होता है। इसे एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल भी माना जाता है। यह ठीक उसी तरह से काम करता है, जैसे तांबा या चांदी जैसी धातुएं करती हैं। घाव भरने के लिए चांदी के नैनो पार्टिकल्स का उपयोग कई दवाओं में होता है।
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