1 अप्रैल 2001 को नीदरलैंड्स समलैंगिक विवाहों को अनुमति देने वाला पहला देश बना था। पिउ रिसर्च सेंटर के अनुसार, दुनिया के करीब 29 देशों में समलैंगिक विवाहों को अनुमति है। इनमें नीदरलैंड के अलावा न्यूजीलैंड, यूके, अमेरिका समेत अन्य देश शामिल हैं। भारत में समलैंगिक विवाह कानूनी तौर पर वैध नहीं है। भारत में 2018 में समलैंगिक संबंधों को अपराध बताने वाले कानून को रद्द कर दिया गया।
नीदरलैंड्स के कानून बनाने के 2 साल बाद बेल्जियम ने समलैंगिक विवाह पर कानून बनाया। फिर स्पेन, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका, स्वीडन, पुर्तगाल, आयरलैंड, अर्जेंटीना, आइसलैंड और अमेरिका के कुछ राज्यों में समलैंगिक विवाह को कानूनी मुहर लगा दी।
आइसलैंड की प्रधानमंत्री योहाना सिगुआर्दार्दोतिर और उनकी जीवन साथी योनिना लेओसदोतिर पहली समलैंगिक नागरिक थीं जो शादी के बंधन में बंधीं।
समलैंगिक उन्हें कहा जाता है जो या तो दोनों पुरुष होते है या दोनों स्त्री। इनके बीच जो संबंध बनाएं जाते है उन्हें समलैगिंक संबंध कहा जाता है।
ये भी पढ़ें— Digital Service Tax: जानें क्या है डिजिटल सर्विस टैक्स (Google Tax), जिसे लेकर भारत से चिढ़ा अमेरिका
ये भी पढ़ें— Bihar Divas 2021 : बिहार दिवस विशेष, गौरवशाली इतिहास के नायक, वर्तमान नीतियां
ये भी पढ़ें— Vijay Hazare Trophy 2021 : मुंबई उत्तर प्रदेश को हराकर चौथी बार बनी विजेता
ये भी पढ़ें— Hurun India Wealth Report 2020 : हुरुन इंडिया वेल्थ रिपोर्ट 2020 जारी, जानें GDP में किसका कितना योगदान
ये भी पढ़ें— Space Hurricane : वैज्ञानिकों ने खोजा स्पेस हरिकेन, जाने विस्तार से