भारत और अमेरिका के विशेष बलों ने हाल ही में हिमाचल प्रदेश के बकलोह में संयुक्त सैन्य अभ्यास किया। यह सैन्य अभ्यास दोनों पक्षों के बीच के समन्वय को और बढ़ाने एवं मजबूत करने के लिए था। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह सैन्य अभ्यास ‘वज्र प्रहार’ का 11 वां संस्करण था जिसका मकसद संयुक्त मिशन योजना और परिचालन रणनीति जैसे क्षेत्रों में बेहतरीन चलन और अनुभवों को साझा करना है।
इस अभ्यास का आयोजन बारी-बारी से भारत और अमेरिका में किया जाता है। इस आयोजन का उद्देश्य भाग लेने वाले देशों की सेनाएं संयुक्त रूप से प्रशिक्षित होती हैं और योजना बनाती हैं ताकि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के खतरों का मुकाबला किया जा सके।
भारत और अमेरिका ने 28 एवं 29 मार्च को पूर्वी हिंद महासागर क्षेत्र में दो दिवसीय नौसेना अभ्यास भी किया। इस अभ्यास में भारतीय नौसेना की ओर से युद्धपोत शिवालिक और लंबी दूरी के समुद्री गश्ती विमान पी8आई ने भाग लिया वहीं अमेरिका की ओर से यूएसएस थ्योडोर रूज़वेल्ट पोत ने भाग लिया
भारतीय सेना के विशेष बल वे बल हैं जो भारतीय सेना की सीधी कमान के अधीन हैं। वे विशेष रूप से संगठित, प्रशिक्षित और सुसज्जित हैं। वे विशेष अभियानों में अपना योगदान देते हैं। विशेष अभियान कानून प्रवर्तन, सैन्य और खुफिया ऑपरेशन हैं जो अपरंपरागत तरीकों और स्रोतों का उपयोग करके किए जाते हैं। इन ऑपरेशनों का प्राथमिक लक्ष्य एक रणनीतिक या सैन्य उद्देश्य को प्राप्त करना है।
विशेष बल 1966 में भारत-पाकिस्तान युद्ध, 1965 के बाद बनाया गया था। पैराशूट रेजिमेंट पहली विशेष संचालन इकाई थी। विशेष बल ऑपरेशन ब्लू स्टार, ऑपरेशन पवन, ऑपरेशन कैक्टस और कारगिल युद्ध में शामिल थे।
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