मशहूर मराठी लेखक शरण कुमार लिंबाले को सरस्वती सम्मान 2020 से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान केके बिरला फाउंडेशन की ओर से दिया जाएगा। डॉक्टर शरण कुमार लिंबाले के मराठी उपन्यास ‘सनातन’ को वर्ष 2020 के तीसवें सरस्वती सम्मान के लिए चुना है। भारतीय भाषाओं के किसी एक लेखक को 15 लाख रुपये का यह सम्मान केके बिरला फाउंडेशन हर वर्ष दिया जाता है।
यह सम्मान प्रतिवर्ष किसी भारतीय नागरिक की एक ऐसी उत्कृष्ट साहित्यिक कृति को दिया जाता है, जो भारत के संविधान की 8वीं अनुसूची में उल्लिखित किसी भी भाषा में सम्मान वर्ष से ठीक पहले 10 वर्ष की अवधि में प्रकाशित हुई हो। वर्ष 2010-2019 की अवधि में प्रकाशित पुस्तकों पर विचार करने के बाद साल 2020 के सरस्वती सम्मान के लिए मराठी के प्रतिष्ठित साहित्यकार डॉक्टर शरणकुमार लिंबाले के उपन्यास ‘सनातन’ को चुना गया है।
इस सम्मान में 15 लाख रुपये की पुरस्कार राशि के साथ प्रशस्ति व प्रतीक चिह्न भेंट किया जाता है। यह सम्मान वर्ष 1991 से दिया जा रहा है। सम्मान किसे देना है इसके चयन के लिए एक चयन परिषद है। लोकसभा सचिवालय के पूर्व महासचिव डॉ. सुभाष कश्यप इसके अध्यक्ष हैं।
डॉ. शरणकुमार लिंबाले का जन्म एक जून, 1956 को जिला सोलापुर के हन्नूर गांव में हुआ। उन्होंने शिवाजी विश्वविद्यालय, कोल्हापुर से मराठी भाषा में एम.ए. किया। इसके बाद यहीं से मराठी दलित साहित्य और अमेरिकन ब्लैक साहित्य-एक तुलनात्मक अध्ययन विषय पर पी.एचडी. भी की।
डॉ. शरणकुमार लिंबाले यशवंतराव चव्हाण, महाराष्ट्र मुक्त विद्यापीठ, नासिक के प्रकाशन विभाग में सहायक संपादक के पद पर कार्य करते हुए इसी विश्वविद्यालय से प्रोफेसर एवं निदेशक पद से सेवानिवृत्त हुए हैं।
ये भी पढ़ें— Grammy Award : ग्रैमी अवार्ड्स 2021 के विजेताओं की सूची जारी, देखें विजेताओं की Full List
ये भी पढ़ें— Sahitya Akademi Award : साहित्य अकादमी पुरस्कार 2020 के विजेताओं की पूरी सूची, हर एक अपडेट