AIRCSIR की बेंगलुरु स्थित रिसर्च लैब नेशनल एयरोस्पेस लेबोरेटरीज ने दो सीटर ट्रेनर विमान HANSA-NG को विकसित किया है। HANSA-New Generation स्वदेशी ट्रेनर विमान एक ग्लास कॉकपिट, बबल कैनोपी डिजाइन, स्मार्ट मल्टी फंक्शनल डिस्प्ले के साथ IFR अनुरूप एविऑनिक्स के साथ संशोधित किया गया है, जो कार को बेहतर प्रदर्शन, रेंज और मजबूती प्रदान करता है।
इस अवसर पर पांच एचएनएसए एनजी विमान खरीदने के लिए एनएएल और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया।
यह भारत की पहली सबसे बड़ी एयरोस्पेस फर्म है। इसकी स्थापना 1959 में CSIR द्वारा की गयी थी। शुरुआत में इसका मुख्यालय दिल्ली में था, बाद में इसे बेंगलुरु शिफ्ट किया गया। यह फर्म HAL, DRDO और ISRO के साथ मिलकर काम करती है। वर्तमान में NAL के निदेशक जितेन्द्र जे. जाधव हैं।
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