भगवान बुद्ध की विरासत के साथ भारतीय इतिहास को अपने में समेटे हुए राजगीर शहर पूरे राज्य में आकर्षण का केंद्र है। यहां चीन को टक्कर देने वाले ग्लास स्काई और आठ सीट वाले रोपवे का निर्माण हुआ है। जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किया गया था। ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए वन एवं पर्यावरण विभाग के अधीन एक अलग विंग की स्थपाना होगी।
पूर्वोत्तर भारत में यह पहला ग्लाज ब्रिज है, जिसे बिहार सरकार के द्वारा पर्यटकों के लिए तैयार कराया गया है। चीन के हांगझोऊ प्रांत में बने 120 मीटर ऊंचे कांच के पुल की तर्ज पर ही राजगीर में भी ग्लास स्काईवॉक ब्रिज को तैयार किया गया है। इस पुल पर चलते हुए आप अपने कदमों के नीचे की धरती को भी आसानी से देख पाएंगे।
नेचर सफारी में जीप लाइन के माध्यम से लोग एक छोर से दूसरे छोर तक जायेंगे। जीप लाइन पर साइकिल का भी इंतजाम किया गया है। पर्यटक यहां पैदल और साइकिल से भी घूम सकते हैं। यहां साइकिल का भी प्रबंध किया होगा। नालंदा जिला को सेंट्रल जू अथॉरिटी से भी जू सफारी पार्क के लिए मान्यता मिल गई है।
इस सफारी में ग्लास ब्रिज के अलावा संस्पेंशन ब्रिज, रॉक क्लाइंबिंग, आर्चरी रेंज, एडवेंचर पार्क, बटरफ्लाई जोन, वुडेन ब्रिज, चिल्ड्रेन पार्क, रोप साइकिलिंग के अलावा कई आकर्षण हैं।
राजगीर को उसकी प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। बिहार सरकार के पर्यटन विभाग ने इस पुल के आसपास टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए नेचर सफारी पार्क के निर्माण का फैसला लिया है। राजगीर में जू सफारी, तितली पार्क, आर्युवेदिक पार्क और देश-विदेश के अलग-अलग प्रजातियों के पेड़-पौधे देखने को मिलते हैं, जो आम तौर पर कहीं और नहीं देखने को मिलता है।
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