विश्व जल दिवस 22 मार्च 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में नदियों को आपस में जोड़ने की पहली परियोजना पर हस्ताक्षर किया गया। सालों से चर्चा में बनी मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के केन-बेतवा लिंक परियोजना की शुरुआत हो गई। यह समझौता केंद्रीय जल शक्ति मंत्री और उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के बीच हुई। यह कार्यक्रम वर्चुअल हुआ।
केन बेतवा इंटरलिंक प्रोजेक्ट नदियों को इंटरलिंक/जोड़ने की परियोजना है। इस प्रोजेक्ट के तहत मध्य प्रदेश की केन नदी और उत्तर प्रदेश की बेतवा नदी को लिंक/जोड़ा जाएगा। केन्द्र सरकार पूरे देश में सिंचाई की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए ऐसे कुल 30 प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। केन बेतवा इंटरलिंक प्रोजेक्ट पर करीब 45 हजार करोड़ रुपए का खर्च आएगा।
केन बेतवा इंटरलिंक प्रोजेक्ट की मदद से सरकार सूखाग्रस्त बुंदेलखंड क्षेत्र में पानी की समस्या दूर करने की योजना बना रही हैं। बुंदेलखंड क्षेत्र यूपी और एमपी में फैला हुआ है। इसके तहत मुख्य तौर पर यूपी के झांसी, बांदा, ललितपुर और महोबा जिले आते हैं। वहीं एमपी के टीकमगढ़, पन्ना और छतरपुर जिले बुंदेलखंड क्षेत्र में आते हैं। केन बेतवा इंटरलिंक प्रोजेक्ट की मदद से बुंदेलखंड में सिंचाई, पीने के पानी की कमी दूर हो सकेगी।
भारत को वार्षिक वर्षा के माध्यम से 80% पानी प्राप्त होता है, जबकि सतही जल प्रवाह जून से सितंबर तक 4 महीने की अवधि के लिए होता है। इस प्रकार, प्राकृतिक पानी की उपलब्धता की कमी रहती है। यह समस्या नदियों की इंटरलिंकिंग से सुलझाई जा सकती है।
इस प्रोजेक्ट का जो ड्राफ्ट तैयार किया गया है, उसके मुताबिक एमपी को 2650 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिलना है। वहीं यूपी को 1700 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिलना है। हालांकि यूपी सरकार की तरफ से 935 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी की और मांग की गई थी। जिससे एमपी ने इंकार कर दिया था। इसी के चलते यह प्रोजेक्ट रुक गया था।
इसके अलावा इस प्रोजेक्ट को लेकर पर्यावरण को होने वाले नुकसान को लेकर भी चिंता जाहिर की जा रही है। केन नदी पन्ना टाइगर रिजर्व से होकर गुजरती है। केन-बेतवा इंटरलिंकिंग प्रोजेक्ट के चलते पन्ना टाइगर रिजर्व का कुछ हिस्सा पानी में डूब जाएगा, जिससे यहां रहने वाले टाइगर्स को नुकसान होगा।
केन यमुना की एक उपनदी या सहायक नदी है जिसका उद्गम विंध्याचल पर्वत से होता है तथा यह बुन्देलखंड क्षेत्र से गुजरते हुए यमुना नदी में मिल जाती है। इसकी लंबाई 427 वर्ग किलोमीटर है। यह उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में प्रवाहित होती है।
बेतवा नदी मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्यों में बहने वाली यमुना की सहायम नदी है। इसकी लंबाई 590 वर्ग किलोमीटर है। यह उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में प्रवाहित होती है। इसका प्राचीन नाम वेत्रवती है।
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