एक स्वस्थ व्यक्ति को कम से कम 8 घंटे कि नींद लेने की सलाह दी जाती है। लेकिन, भागदौड़ भरी जिंदगी में व्यस्तता के कारण बहुत से लोग आठ घंटे की नींद पूरी नहीं कर पाते हैं। बदलती दिनचर्या और तनाव के कारण बड़ी संख्या में लोग अनिद्रा के शिकार हो रहे हैं। नींद पूरी नहीं होने पर व्यक्ति किसी काम को ठीक से नहीं कर पाता है। बहुत से लोगों को लगता है कि नींद ना आना एक सामान्य समस्या है। लेकिन, दिन-प्रतिदिन यह एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। नींद ना आने के पीछे बहुत से कारण हो सकते हैं जैसे खराब दिनचर्या, गलत खानपान और तनाव। 19 मार्च को ‘वर्ल्ड स्लीप डे’ के रूप में मनाया जाता है। हर साल मार्च महीने में तीसरे शुक्रवार को ‘वर्ल्ड स्लीप डे’ मनाया जाता है। इसे पहली बार साल 2008 में मनाया गया था। अच्छी नींद का महत्व समझाने और लोगों को जागरूक करने के लिए ‘वर्ल्ड स्लीप डे’ मनाया जाता है।
इस साल ‘वर्ल्ड स्लीप डे’ का थीम है- ‘नियमित नींद, स्वस्थ भविष्य’ जिसका मतलब है कि मौजूदा वक्त में हम सभी के लिए नियमित रूप से बराबर नींद लेना बहुत जरूरी है जिससे एक स्वस्थ भविष्य की कल्पना की जा सके। अगर हमारी नींद पूरी नहीं होगी तो हमारी कार्यक्षमता और स्वास्थ्य पर इसका बुरा असर पड़ सकता है। यही वजह है कि सभी लोगों को नींद के प्रति लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। इस बार के थीम में इस बात का संदेश दिया गया है जिससे लोगों में जागरूकता बनी रहे। बीमारियों से बचाव के लिए वर्ल्ड स्लीप सोसाइटी ने ‘विश्व स्लीप डे’ की शुरुआत की थी।
ये भी पढ़ें— Jammu kashmir : अवाम की बात नाम से एक रेडियो कार्यक्रम लांच, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की पहल
ये भी पढ़ें— Vijay Hazare Trophy 2021 : मुंबई उत्तर प्रदेश को हराकर चौथी बार बनी विजेता
ये भी पढ़ें— JUVENILE : किशोर न्याय अधिनियम 2015 के बारे में विस्तार से, केन्द्र सरकार का संशोधन
ये भी पढ़ें— ISRO : साउंडिंग रॉकेट RH-60 लांच, न्यूट्रल विंड व प्लॉज्मा डायनेमिक्स पर करेगा शोध