नेशनल एकेडमी ऑफ लेटर्स (National Academy of Letters) ने 12 मार्च, 2021 को “साहित्य अकादमी पुरस्कार 2020 के विजेताओं की घोषणा की है। इन नामों की घोषणा वार्षिक“ फेस्टिवल ऑफ लेटर्स ”इवेंट के उद्घाटन के अवसर पर की गई।
यह पुरस्कार राजनीतिज्ञ-लेखक एम. वीरप्पा मोइली, कवि अरुंधति सुब्रमण्यम सहित अन्य 20 लेखकों को दिया जाएगा। सुब्रमण्यम ने अंग्रेजी में “When God is a Traveller” नामक अपने कविता संग्रह के लिए यह पुरस्कार जीता है । वीरप्पा मोइली को कन्नड़ भाषा में “श्री बाहुबली अहिंसा दिग्विजयम“ नामक महाकाव्य के लिए नामित किया गया है। इस सूची में कविता की सात पुस्तकें, पांच लघु कथाएँ, चार उपन्यास, दो नाटक और एक संस्मरण और 20 भारतीय भाषाओं में एक महाकाव्य कविता शामिल है। नेपाली, मलयालम, ओडिया और राजस्थानी भाषाओं के पुरस्कारों की घोषणा बाद में की जाएगी।
प्रख्यात कवयित्री, लेखिका और आलोचक अनामिका को उनके कविता संग्रह ‘टोकरी में दिगन्त’ के लिए पुरस्कार मिला है। वह मूल रूप से बिहार के मुजफ्फरपुर की हैं। वे दिल्ली यूनिवर्सिटी में अंग्रेजी पढ़ाती हैं। उनका कविता संग्रह ‘टोकरी में दिगन्त’ 2014 में प्रकाशित हुआ था।
वीरप्पा मोइली को उनके महाकाव्य ‘श्री बाहुबली अहिमसादिग्विजयम’ के लिए वर्ष 2020 का साहित्य अकादमी पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोइली कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं। वह एक साहित्यकार भी हैं और उन्होंने कन्नड़ भाषा में कई उपन्यास लिखे हैं। उन्हें 2007 में मूर्तिदेवी और 2014 में सरस्वती सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।
अंग्रेजी में अरुंधति सुब्रह्मण्यम को कविता संग्रह ‘व्हेन गॉड इज़ ए ट्रैवलर’ के लिए जबकि उर्दू में हुसैन-उल-हक को उनके उपन्यास ‘अमावस में ख्वाब’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
हरीश मीनाश्रु (गुजराती)
आर.एस. भास्कर (कोंकणी)
ईरुंगबम देवेन (मणिपुरी)
रूपचंद हांसदा (संथाली)
निखिलेश्वर (तेलुगु)
नंदा खरे (मराठी), डॉ. महेशचन्द्र शर्मा गौतम (संस्कृत), इमाइयम (तमिल)।
अपूर्व कुमार सैकिया (असमिया), (दिवंगत) धरणीधर औवारी (बोडो), (दिवंगत) हृदय कौल भारती (कश्मीरी), कमलकान्त झा (मैथिली) एवं गुरदेव सिंह रूपाणा (पंजाबी)।
ज्ञान सिंह (डोगरी) एवं जेठो लालवानी (सिंधी) को नाटक के लिए और शंकर (मणिशंकर मुखोपाध्याय) (बांग्ला) को संस्मरण के लिए पुरस्कृत करने की घोषणा की गई है।
यह भारत में एक साहित्यिक कार्यो के लिए दिया जाने वाला सम्मान है। यह साहित्य अकादमी द्वारा प्रदान किया जाता है। यह पुरस्कार साहित्यिक योग्यता की सबसे उत्कृष्ट पुस्तकों को प्रदान किया जाता है, जो कि हिंदी, अंग्रेजी और संविधान की आठवीं अनुसूची की अन्य 22 भाषाओं सहित किसी भी 24 प्रमुख भारतीय भाषाओं में प्रकाशित होती है। इस पुरस्कार के विजेता को तांबे की पट्टिका, एक शाल और 1,00,000 रुपये की राशि प्रदान की जाती है।
मलयालम, नेपाली, ओड़िया और राजस्थानी भाषाओं में पुरस्कार बाद में घोषित किए जाएंगे। पुरस्कार एक जनवरी 2014 से 31 दिसम्बर 2018 के दौरान पहली बार प्रकाशित पुस्तकों के लिए देने का एलान किया गया है। पुरस्कार विजेताओं को पुरस्कार स्वरूप एक उत्कीर्ण ताम्रफलक, शॉल और एक लाख रुपये की राशि दी जाएगी। पुरस्कारों के वितरण की तिथि अभी तय नहीं हुई है।
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